logo-image

कोविड में टिस्का चोपड़ा ट्रांसजेंडर, विधवाओं की मदद में जुटीं

उन्होंने बताया कि "जब विकास खन्ना और उनकी टीम ने भारत में महामारी के कारण अपनी आजीविका खो चुके विधवाओं और ट्रांसजेंडरों का समर्थन करने के लिए हैशटैग इंडिया फॉर मदर्स के इस विशिष्ट अभियान के लिए मुझसे संपर्क किया, तो मैंने फौरन हां कर दिया.

Updated on: 16 May 2021, 09:57 PM

highlights

  • अभिनेत्री ने पिछले साल एट टिस्का टेबल नाम से एक पहल शुरू की थी
  • कई माताएं इस महामारी के दौरान कई बेरोजगार और यहां तक कि बेघर हो गई हैं
  • अभिनेत्री ने शेफ विकास खन्ना के साथ ' हैशटैग इंडिया फॉर मदर्स' नाम से एक पहल शुरू

मुंबई:

अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा कोविड महामारी से प्रभावित हुए ट्रांसजेंडर और विधवाओं की मदद करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं. अभिनेत्री ने इन समूहों को संकट से निपटने में मदद करने के लिए शेफ विकास खन्ना के साथ ' हैशटैग इंडिया फॉर मदर्स' नाम से एक पहल शुरू की है. उन्होंने बताया कि "जब विकास खन्ना और उनकी टीम ने भारत में महामारी के कारण अपनी आजीविका खो चुके विधवाओं और ट्रांसजेंडरों का समर्थन करने के लिए हैशटैग इंडिया फॉर मदर्स के इस विशिष्ट अभियान के लिए मुझसे संपर्क किया, तो मैंने फौरन हां कर दिया. इनमें कई माताएं इस महामारी के दौरान कई बेरोजगार और यहां तक कि बेघर हो गई हैं." टिस्का ने कहा, "इसी तरह, ट्रांसजेंडर समुदाय को भी जरूरत है, कई लोग वर्तमान में बेरोजगार हैं और समर्थन की सख्त जरूरत है." अभिनेत्री ने पिछले साल एट टिस्का टेबल नाम से एक पहल शुरू की थी, जिसे उन्होंने इस मुश्किल समय में लोगों की मदद करने के लिए फिर से तैयार किया.

वह कहती हैं, टिस्का की मेज पर एक मासिक तालिका है जहां हम प्रतिभाशाली दिमागों के बीच बातचीत को सरल बनाने के लिए रचनात्मक दिमाग लाते हैं . मैं पिछले साल से ऐसा कर रही हूं. हमने महामारी के लिए तालिका को फिर से बनाया है, यह देखते हुए कि यह वही है जो अभी सबसे ज्यादा जरूरी है. ''

अभिनेत्री का कहना है कि आसपास की स्थिति खराब है और लोगों की जरूरतें हर दिन बदल रही हैं. वह कहती हैं,"अप्रैल के मध्य में स्थिति भयानक थी और लगभग 10 मई तक ऐसी ही रही. इसके केंद्र बदलते रहे, पहले यह मुंबई और दिल्ली, फिर कोलकाता और बैंगलोर थे. अब यूपी दयनीय स्थिति में है. समय की जरूरत बदल रही है. यह शुरू करने के लिए ऑक्सीजन और आईसीयू बेड थे, फिर प्लाज्मा और अब यह ईसीएमओ मशीन है और ब्लैक फंगस के लिए एम्फोटेरिसिन दवा की अभी सबसे ज्यादा जरूरत है."