स्वरा भास्कर ने भंसाली को लिखा ओपन लेटर, कहा- महिलाओं को रेप के बाद भी है जिन्दा रहने का हक़

ऐक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने फिल्म देखने के बाद ऐसा लग रहा की मेरी पहचान सिर्फ मेरी 'वजाइना' है।'

ऐक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने फिल्म देखने के बाद ऐसा लग रहा की मेरी पहचान सिर्फ मेरी 'वजाइना' है।'

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
स्वरा भास्कर ने भंसाली को लिखा ओपन लेटर, कहा- महिलाओं को रेप के बाद भी है जिन्दा रहने का हक़

अभिनेत्री स्वरा भास्कर (फाइल फोटो)

संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। लेकिन इस बार विवादों की वजह करणी सेना नहीं बल्कि एक ओपन लेटर बना है। ऐक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' देखने के बाद बेहद तीखा बयान दिया।

Advertisment

उन्होंने कहा, 'फिल्म देखने के बाद ऐसा लग रहा की मेरी पहचान सिर्फ मेरी 'वजाइना' है।' उन्हें लगता है कि इस फिल्म ने यह सवाल उठाया है कि विधवा, रेप पीड़िता, युवती, वृद्धा, गर्भवती या किसी किशोरी को जीने का अधिकार है या नहीं?

एक न्यूज वेबसाइट पर प्रकाशित उनके ओपन लेटर (खुले पत्र) में स्वरा ने फिल्म में 'सती' और 'जौहर' जैसी आत्मबलिदान के रिवाजों के महिमामंडन की निंदा की।

और पढ़ें: पद्मावती विवाद पर बोले मनीष तिवारी, CBFC को कर देना चाहिए खत्म

'अनारकली ऑफ आरा' की अभिनेत्री ने भंसाली को इतनी परेशानियों के बावजूद 'पद्मावत' को रिलीज करने के लिए बधाई देते हुए अपने लेटर की शुरुआत की। इस दौरान पत्र में उन्होंने कुछ ऐसा लिखा कि जिसके लिए सोशल मीडिया पर उनका मजाक उड़ाया जाने लगा।

अभिनेत्री ने फिल्म देखने के बाद अपनी परेशानी सोशल मीडिया पर शेयर किया। उन्होंने दो टूक कहा कि फिल्म 'पद्मावत' ने उन्हें सुन्न कर दिया।

स्वरा ने लिखा, 'आपकी महान रचना के अंत में मुझे यही लगा। मुझे लगा कि मैं एक 'वजाइना' हूं। मुझे लगा कि मैं 'वजाइना' तक सीमित होकर रह गई हूं।'

उन्होंने अपने ओपन लेटर में इन खास बातों को उठाया है-

1. महिलाओं और महिला आंदोलनों को सालों बाद जो सभी छोटी उपलब्धियां, जैसे मतदान का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, 'समान काम समान वेतन' का अधिकार, मातृत्व अवकाश, बच्चा गोद लेने का अधिकार मिले.. सभी बेतुका थे। क्योंकि हम मूल प्रश्न पर लौट आए।

2. महिलाओं को रेप के बाद पति, पुरुष रक्षक, मालिक और महिलाओं की सेक्सुएलिटी तय करने वाले, आप उन्हें जो भी समझते हों, उनकी मौत के बाद भी महिलाओं को स्वतंत्र होकर जीने का हक है।

3. उन्होंने फिल्म के आखिरी सीन को बहुत ज्यादा असहज बताया, जिसमें अभिनेत्री दीपिका पादुकोण (रानी पद्मावती) कुछ महिलाओं के साथ जौहर कर रही थीं।

4. महिलाएं चलती-फिरती वजाइना नहीं हैं। हां, महिलाओं के पास यह अंग होता है लेकिन उनके पास और भी बहुत कुछ है। इसलिए लोगों की पूरी जिंदगी वजाइना पर केंद्रित, इस पर नियंत्रण करते हुए, इसकी हिफाजत करते हुए, इसकी पवित्रता बरकरार रखते हुए नहीं बीतनी चाहिए।'

5. वजाइना के बाहर भी एक जिंदगी है और बलात्कार के बाद भी एक जिंदगी है।

स्वरा ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि भंसाली अपनी इस फिल्म में 'सतीप्रथा' और 'जौहर' की कुछ हद तक निंदा करेंगे। उन्होंने लिखा, 'आपका सिनेमा मुख्य रूप से प्रेरणाशील, और शक्तिशाली है। यह अपने दर्शकों की भावनाओं को नियंत्रित करता है। यह सोच को प्रभावित कर सकता है और सर, आप अपनी फिल्म में जो दिखा रहे हैं और बोल रहे हैं, इसके लिए सिर्फ आप ही जिम्मेदार हैं।'

और पढ़ें: पद्मावत' देखने के बाद दीपिका के माता-पिता ने किया वीडियो कॉल, कही ये बढ़ी बात

Source : News Nation Bureau

swara bhaskar Deepika Padukone Sanjay Leela Bhansali Padmaavat swara bhaskar open letter
Advertisment