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स्वरा भास्कर (फाईल फोटो)
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स्वरा भास्कर (फाईल फोटो)
'नील बट्टे सन्नाटा', 'अनारकली ऑफ आरा' और 'लिसन..अमाया' जैसी फिल्मों में दमदार भूमिकाएं निभाने वाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर का मानना है कि महिलाओं को अपने भले और हक के लिए संकोच छोड़ मुखर बनना चाहिए और गुस्सा जाहिर करने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए।
एक बयान के मुताबिक, अभिनेत्री ने अपनी यह राय फेमिना (पत्रिका) के संपादक मंडल द्वारा 'वीमेन एडिटर्स च्वाइस अवार्ड' के लिए चुने जाने पर व्यक्त की। 'अनारकली ऑफ आरा' में बेहतरीन अभिनय के लिए इस हफ्ते की शुरुआत में उन्हें फेमिना वीमेन अवार्ड्स कार्यक्रम में इस पुरस्कार से सम्मानित किया।
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हमें ऐसे गुणों की जरूरत है, क्योंकि हमारे आसपास ऐसी कई चीजें हो रही हैं, जो गलत हैं।' उन्होंने कहा कि गुस्से और जोरदार ढंग से अपनी बात रखने जैसे गुण महिलाओं को आजादी दिलाते हैं।
फिल्म 'अनारकली ऑफ आरा' में गांव की एक नाचने व गाने वाली की भूमिका बखूबी निभाने के लिए स्वरा की प्रशंसा की गई।
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Source : IANS