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Exclusive: सुशांत के हाउस मैनेजर दीपेश सावंत से CBI ने पूछे ये सवाल, बताया पूरा घटनाक्रम

सुशांत के हाउस मैनेजर दीपेश सावंत और सीबीआई के बीच हुई पूरी बातचीत न्यूज नेशन को मिल गई है. सुशांत के साथ घर पर रहने वालों में एक नाम दीपेश सावंत का भी है.

Updated on: 28 Aug 2020, 09:53 PM

नई दिल्ली:

दीपेश सावंत ने CBI से हुई पूछताछ में 13 और 14 जून की पल-पल की जानकारी दी है. सुशांत के हाउस मैनेजर दीपेश सावंत और सीबीआई के बीच हुई पूरी बातचीत न्यूज नेशन को मिल गई है. सुशांत के साथ घर पर रहने वालों में एक नाम दीपेश सावंत का भी है. दीपेश से अलग अलग जांच एजेंसियों ने पूछताछ की है लेकिन उसका कोई बयान अभी तक सामने नहीं आया है, मीडिया के कैमरे पर भी वो सामने नहीं आया है. पूछताछ में दीपेश ने पूरा घटनाक्रम विस्तार से बताया है. आइए जानते हैं.

सीबीआई को दिया गया दीपेश का बयान-
मैं घटना के दिन सुशांत सर के घर पर ही था. मैं हाउस मैनेजमेंट के साथ साथ इंस्टाग्राम के लिये तैयार होने वाले कंटेंट में उनकी मदद करता था. 4 BHK का फ्लैट था. हमलोग नीचे रहते थे. ऊपर मास्टर बेडरूम में सर रहते थे. रिया जब भी रहती थीं तो सर के साथ रहती थीं. पूरे लॉक डाउन में रिया साथ रही थी. केशव खाना बनाता था, नीरज घर का सामान, कपड़ा वगैरह लाता था. 13 जून की रात 8 बजे मैंने सर से खाने के लिये पूछा था तो उन्होंने कहा कि खाना नहीं खाऊंगा, सिर्फ मैंगो मिल्क शेक चाहिये. तुमलोग खाना खा लो. रात 10.30 बजे मैं सोने चला गया. मोबाइल पर थोड़ी बहुत पिक्चर देखी.

अधिकारी- कौन सी पिक्चर देखी ?
दीपेश- याद नहीं है.

अधिकारी- ऐसा कैसे हो सकता है, झूठ बोल रहा है.
दीपेश- नहीं सर, याद नहीं है. उस रात 10.30 बजे के आसपास सर को कॉल किया लेकिन सर सोए थे. सुबह 5.30 बजे उठा मैं, सिद्धार्थ ऊपर सर के अपोजिट वाले रूम में सोता था जब रिया नहीं रहती थी.

अधिकारी- रात में कोई आवाज आई थी ?
दीपेश- नहीं

अधिकारी- किसने जगाया तुम्हें ?
दीपेश- खुद उठ गया. फ्रेश हुआ. गर्म पानी पीया. मैं सुबह उठकर गायत्री मंत्र सुनता हूँ. सुबह उठकर ऊपर गया सर को गुड मॉर्निंग wish करने. हर दिन जाता था. उस दिन भी 6.30 में अकेले गया. बाकी सब सोए थे. दरवाजा नॉक किया. सर जगे थे. बैठे थे बेड पर. उन्हें good morning wish किया.

मैंने कहा- चाय लेंगे ?
सर ने कहा- नहीं लूंगा

नाश्ता बनाने के लिये बोल दूं ?
सुशांत- नहीं

पंखा चल रहा था, रूम में और कोई नहीं था. रूम खुला था. हमेशा रूम ओपेन ही होता था. आधा पर्दा उठा हुआ था राइट साइड का towards बाथरूम. केशव और नीरज 7.30 में उठे. मैं नीचे हॉल में था. मैं सामान की लिस्ट बनाकर कॉफी पी रहा था. हमारे रूम का AC खराब हो गया था इसलिये ये दोनों बाहर सोए थे. केशव नहाने चला गया. सर ने 8 से 8.15 के बीच नीरज को आवाज दी. सर सीढ़ी तक आये थे. कहा- ठंडा पानी चाहिये. नीरज ने दे दिया. मैं कंप्यूटर पर गाने सुन रहा था. केशव नहाकर आ गया. केशव 9 से 9.15 के बीच अनार का जूस और नारियल पानी लेकर ऊपर गया और देकर आ गया. इसके बाद जब मैं किताब पढ़ रहा था, सिद्धार्थ ने करीब 10.30 के आसपास आकर बोला कि सर ने रूम लॉक कर लिया है. उसकी बात में थोड़ा अजीब लगा. सर रिया के रहने पर ही रूम लॉक करते थे. सर डिस्टर्ब भी चल रहे थे.

अधिकारी- क्यों डिस्टर्ब थे ?
दीपेश- 8 जून को जब से रिया गई थीं और दिशा के न्यूज़ से सर काफी डिस्टर्ब थे. 9 को आर्टिकल निकला था- Ex Manager of Sushant commits suicide- हालांकि दिशा काफी कम समय के लिये ही मैनेजर रही थी.

अधिकारी- सिद्धार्थ को कैसे पता चला कि रूम लॉक है ?
दीपेश- केशव ने सिद्धार्थ को बताया था कि रूम लॉक है. दोपहर में क्या बनाएं ये पूछने के लिये केशव गया था. हमने सोचा कि सर सोए होंगे, फिर बाद में देखते हैं. 10 से 15 मिनट बाद फिर गए. 3 से 4 बार नॉक किया लेकिन कोई रेस्पॉन्स नहीं आया. उसी समय सिद्धार्थ को मीतू दीदी का फोन आया. उन्हें सिद्धार्थ ने बताया कि सर दरवाजा नहीं खोल रहे. वो बोलीं, ट्राई करते रहो, फिर मुझे बताना. फिर जोर से नॉक किया. आवाज भी दी. लेकिन कोई जवाब नहीं आया. मैं, केशव, नीरज, सिद्धार्थ 11.15 के आसपास सर के सामने वाले रूम में ही थे. चाभी भी ढूंढा. सभी रूम के वार्डरोब में देखा, मिरांडा को फोन करके पूछा- एक्स्ट्रा चाभी मिली थी क्या ? मिरांडा बोला नहीं मिली थी. कुल करीब 1 घंटा नॉक करते रहे. फिर सिद्धार्थ ने मीतू दी को फोन किया. सिद्धार्थ बोला चाबी वाले को बुलाते हैं. कुछ खाया नहीं है, हो सकता है बेहोश न हो गए हों. चाबी वाले के लिये सिद्धार्थ ने बिल्डिंग के वॉचमैन राजू से पूछा था.

सिद्धार्थ- चाभी बनाने वाला कोई कांटेक्ट में है क्या ?
राजू- क्या बात है ?

सिद्धार्थ ने उसको कहा कि हवा की वजह से रूम लॉक हो गया है.
राजू- टाइम दो, देखता हूँ.

फिर सिद्धार्थ ने गूगल पर सर्च किया और जो सबसे पहले दिखा उससे बात किया. बोला- अभी बांद्रा में ही हो ? उसने हां कहा तो उसको एड्रेस दिया. फिर चाबी वाले ने कहा कि कैंसिल तो नहीं करोगे.

सिद्धार्थ- नहीं करेंगे.
चाभी वाला- 2000 लगेंगे.

सिद्धार्थ- ठीक है.

चाभी वाला आया तो मैं नीचे था. उसने कहा कि चाबी नहीं बनेगी, तोड़ना पड़ेगा.

चाबी वाले ने लॉक तोड़ दिया तो उसे पैसे दे दिए गए और सिद्धार्थ ने कहा कि सामान पैक कर लो और चले जाओ. सोचा कुछ प्राइवेट हो सकता है, बाहर का आदमी सर के घर में है. उस समय सिद्धार्थ और नीरज ऊपर थे और मैं और केशव नीचे था. चाभी वाले के जाने के बाद दरवाजा बंद करने के बाद ऊपर गया तब तक सिद्धार्थ रूम में एंटर नहीं किया था. मैं और सिद्धार्थ अंदर गए. नीरज बाहर खड़ा था. अंदर कमरे की लाइट ऑफ थी. कर्टेन भी डाउन थे. स्विच ऑन किया तो सर को सामने टंगा देखा. सर को उस हालत में देखना काफी शॉकिंग था. पैर बेड के उस पार थे. सर वॉशरूम के साइड सोते थे. ग्रीन कलर का कुर्ता जो सर का ही था, लेफ्ट हैंड साइड में नॉट था गले मे. हाथ नीचे, पैर बेड से नीचे था. हिम्मत नहीं थी मेरे में कि मैं ठीक से देख सकूं. सिद्धार्थ ने मीतू को फोन किया कि सर ने ऐसा कर लिया है. नीरज और केशव ने बाहर से ही देखा.

फिर सिद्धार्थ ने 108 पर कॉल किया और कहा कि जल्दी से एक एम्बुलेंस और डॉक्टर को भेज दीजिए, मेरे एक फ्रेंड ने फांसी लगा ली है. नाम नहीं बताया सिद्धार्थ ने तो डिटेल पूछी गई.

नाम क्या है- सुशांत
सुशांत क्या-

सिद्धार्थ ने बताया- सुशांत सिंह
पूछा गया- सुशांत सिंह राजपूत ?

हां, जल्दी से भेज दीजिये. इसी बीच सिद्धार्थ को बड़ी सिस्टर का फोन आया. सिद्धार्थ ने हमलोगों से कहा- नीचे उतारना पड़ेगा. मैंने पूछा- किसने बोला ?

सिद्धार्थ- जीजा जी ने बोला है.
सिद्धार्थ ने चाकू मंगवाया और बीच के कपड़े में कट मारा. फिर जिस पोजिशन में थे वैसे ही नीचे सुला दिया. पैर बेड के उस पार ही थे. करीब 5 मिनट बाद जब बेल बजा तो मीतू दी पहुंची तो उन्होंने देखते ही कहा- ये तुमने कर लिया बाबू...

मीतू ने कहा- ट्राई करो, चेक करो. सिद्धार्थ ने चेस्ट पर पंच किया लेकिन कोई रेस्पॉन्स नहीं दिखा. नीरज ने गले मे लगा कुर्ते का एक हिस्सा निकाला. उससे नॉट खुल नहीं रहा था. किसी तरह निकाला और साइड में फेंक दिया.

मीतू ने कहा- सीधा कर लो. मैंने पैर पकड़ा. सिद्धार्थ और नीरज ने शोल्डर पकड़ा और खींचा अब पैर की जगह सर आ गया. इसी समय मुम्बई पुलिस के दो ऑफिसर आ गए . फिर सबों का स्टेटमेंट लेना चालू किया.

अधिकारी-रात में कोई आया ?
दीपेश- नहीं, टेरेस हम लॉक कर देते हैं.

अधिकारी-सबसे क्लोज किसके थे ?
दीपेश- नीरज, केशव दोनों सर्वेंट ही थे लेकिन बहुत मानते थे.

मैं सितंबर, 2018 में सुशांत सर से मिला था, 2019 अप्रैल में ब्रेक हुआ. 18 जनवरी, 2020 को सर ने कॉल किया और मुझे मिलने बुला लिया.

सुशांत- कैसा है दीपेश, कहाँ है ?
दीपेश- घर पर हूँ.

सुशांत- मैं भी एक्टिंग छोड़ दूंगा, पावना जाने की सोच रहा हूँ. तू कहाँ हैं ?
दीपेश- चेम्बूर में हूँ.

सुशांत- आ जा मिलने
दीपेश- आप कहाँ हो, बांद्रा में ?

सुशांत- हां
उसी दिन यानि 18 जनवरी 2020 को नहाने के बाद मैं सर से मिलने चला गया. उसी घर मे थे सर. पहुंचा तो सर मुझसे गले मिले थे.