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Shahid Kapoor On Bollywood Camps: स्टार किड शाहिद कपूर ने खोल दी बॉलीवुड में गुटबाजों की पोल

शाहिद कपूर ने चैट शो में बताया कि कैसे उन्हें अपने माता-पिता की मदद के बिना बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा था.

Updated on: 28 Feb 2024, 05:47 PM

नई दिल्ली:

Shahid Kapoor On Bollywood Camps: बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर आज एक बड़े स्टार हैं. उन्होंने हर जॉनर की फिल्में करके खुद के टैलेंट को साबित किया है. हम सभी जानते हैं कि शाहिद खुद एक स्टार किड हैं. वो दिग्गज अभिनेता पंकज कपूर और नीलिमा अज़ीम के बेटे हैं. हालांकि, बॉलीवुड में उनकी पहचान एक 'आउटसाइडर' शख्स के तौर पर है.  नो फिल्टर नेहा के एक नए एपिसोड में शाहिद कपूर ने एक्ट्रेस नेहा धूपिया से बताया कि वो बॉलीवुड में किसी गुट का हिस्सा नहीं हैं. यहां स्कूल के जैसी गुटबाजी है और लोग बाहर से आए कलाकारों को बर्दाश्त नहीं करते हैं. वहीं शाहिद कपूर ने आउटसाइडर्स के लिए अपना सपोर्ट जाहिर करते हुए गुटबाजी में शामिल लोगों के खिलाफ जंग छेड़ने की बात कही. 

स्टार किड होकर भी इंडस्ट्री में करना पड़ा संघर्ष
शाहिद ने चैट शो में बताया कि कैसे उन्हें अपने माता-पिता की मदद के बिना बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा था. उन्होंने इंडस्ट्री में होने वाली गुटबाजी और बुली करने वाले लोगों के बारे में भी खुलासा किया. एक्टर ने कहा कि उन्हें इंडस्ट्री में लंबे समय तक बुली किया गया, अलग एक्सेंट होने की वजह से मजाक उड़ाया गया था. हालांकि, अब वो इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और बुली करने वालों को उल्टा धमकाएंगे. 

सिर्फ स्टार, सुपरस्टार्स के बच्चों को मिलता है लॉन्च
शाहिद ने कहा कि पेरेंट फिल्म इंडस्ट्री में थे लेकिन वह अपने करियर को शुरू करने के लिए इसका कोई फायदा नहीं उठा सके. उन्होंने कहा कि केवल 'स्टार्स, सुपरस्टार्स और फिल्म डायरेक्टर्स के पास ही ऐसी पावर होती है. कलाकारों के पास नहीं.'

शाहिद ने यह भी बताया कि अब बॉलीवुड में कम बाहरी लोगों को मौके दिए जा रहे हैं. उन्होंने इसे केवल अपने काम और टैलेंट के दमपर अपना करियर बड़ा बनाया. लेकिन इन दिनों ज्यादातर 'इनसाइडर्स' या इंडस्ट्री में किसी न किसी से जुड़े युवा कलाकारों को फिल्मों में काम करने का मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हिंदी फिल्मों की गुणवत्ता में गिरावट का कारण भी यही है.

यहां गुटबाजी है आउटसाइडर्स से करते हैं नफरत
शाहिद बताते हैं कि दिल्ली में रहने के बाद जब वो मुंबई गए तो उन्हें स्कूल में काफी परेशान किया गया. उनकी भाषा, बोलचाल के लिए लोग मजाक उड़ाते थे और बाहर का जैसा महसूस करवाते थे. वहीं जब वो फिल्म इंडस्ट्री में कगए तो उन्हें वही बर्ताव देखने को मिला. एक्टर ने कहा, “मैं इस इंडस्ट्री में आया और महसूस किया कि ये तो स्कूल के तरह ही है.. यहां बाहरी लोगों को आसानी से स्वीकार नहीं किया जाता. उन्हें इस बात से बड़ी दिक्कत है कि आप यहां कैसे आ गए? इसलिए, कई सालों तक मैं उससे निपटता रहा हूं. मुझे यह कैंपबाजी चीज़ पसंद नहीं है.मुझे लगता है कि जो लोग एक-दूसरे के साथ रचनात्मक रूप से सहयोग करना चाहते हैं, उन्हें ऐसा करना चाहिए, जो लोग एक-दूसरे के साथ सहज हैं, उन्हें ऐसा करना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप दूसरे लोगों को नापसंद करें और दूसरे लोगों को नीचा दिखाने की कोशिश करें या दूसरे लोगों के लिए दरवाजे बंद कर दें. यहां बॉलीवुड में ऐसा होता है.."

शाहिद कहते हैं कि जब वो यंग थे तो उन्हें जवाब देना नहीं आता था लेकिन आज अगर कोई उन्हें धमकाने की कोशिश करेगा तो वो भी उल्टा उसे धमकाएंगे. एक्टर ने कहा, मैं धमकाने वालों को धमकाऊंगा क्योंकि वे इसके लायक हैं."