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इस बड़े मामले में फंसे अक्षय कुमार, एसआईटी करेगी पूछताछ

अक्षय कुमार से सुखबीर बादल और विवादास्पद संत के बीच सौदा करने में उनकी कथित भूमिका के बारे में पूछताछ की जाएगी

Updated on: 21 Nov 2018, 08:24 AM

नई दिल्ली:

गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और उसके बाद 2015 में प्रदर्शनकारियों पर की गई फायरिंग की जांच कर रहा पंजाब पुलिस का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) यहां बुधवार को बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार से उस मामले को लेकर पूछताछ करेगा, जिसमें अभिनेता ने विवादास्पद संत गुरमीत राम रहीम और पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के बीच एक कथित सौदे में मध्यस्थता की थी. पंजाब पुलिस के सूत्रों ने बताया कि कुमार ने गुजारिश की थी कि उन्हें एसआईटी के अधिकारियों से अमृतसर के बजाए चंडीगढ़ में मिलने की इजाजत दी जाए, जहां उन्हें मूल रूप से सम्मन जारी किया गया था.

कुमार से सुखबीर बादल और विवादास्पद संत के बीच सौदा करने में उनकी कथित भूमिका के बारे में पूछताछ की जाएगी, जिसे 2015 में मुंबई में राम रहीम की फिल्म की रिलीज के कुछ ही पहले कराया गया था. संत को बाद में दुष्कर्म के अपराध में 20 साल जेल की सजा सुनाई गई. कुमार ने ऐसी किसी भी बैठक की व्यवस्था करने या इस प्रकार के किसी सौदे को करवाने में अपनी भूमिका से इनकार किया है.

वहीं, बादल ने मंगलवार को कहा कि वह पंजाब के बाहर अक्षय कुमार से कभी नहीं मिले थे. बादल ने कहा, "मैंने कभी पंजाब के बाहर अक्षय कुमार से मुलाकात नहीं की है."

सोमवार को पंजाब पुलिस मुख्यालय में एसआईटी ने सुखबीर बादल से पूछताछ की थी. उन्होंने पूछताछ को शर्मनाक करार देते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अगुवाई में पंजाब में कांग्रेस सरकार राजनीतिक बदले की कार्रवाई कर रही है.

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से 16 नवंबर को एसआईटी द्वारा पूछताछ की गई थी, जिसकी अगुवाई अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक (एडीजीपी) प्रमोद कुमार और महानिरीक्षक कुंवर विजय प्रताप ने की थी.

सीनीयर बादल ने कहा कि उन्होंने एसआईटी से कहा कि उन्होंने 2015 के अक्टूबर में बेअदबी की घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे सिख प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया था.

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पहले कहा था कि बादल और अभिनेता अक्षय कुमार को सम्मन जारी करने में उनकी सरकार की कोई भूमिका नहीं है. गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों की जांच के लिए इस साल सितंबर में अमरिंदर सरकार द्वारा एसआईटी का गठन किया गया था. 2015 में फरीदकोट जिले के कोटकपुरा कस्बे के पास बेहबल कलां गांव में पुलिस की गोलीबारी में दो प्रदर्शनकरियों की मौत हो गई थी.