बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह आखिरकार एकदूसरे के हो गए. अब तक दोनों की इस शादी की कई तस्वीरें आ चुकी हैं. दो दिन तक चलने वाले इस शादी समारोह में पहले दिन इन दोनों ने कोंकणी रीति रिवाज से शादी की और 15 नवंबर को सिंधी रिवाज से शादी करेंगे. लेकिल अगर आप ये जानना चाहते हैं कि शादी कैसी होगी तो आइए जानते हैं कि सिंधी रिवाज से होने वाली इस शादी के बारे में..
कच्ची मिश्री-सिंधी वेडिंग की शुरुआत कच्ची मिश्री से होगी. जिसमें रणवीर-दीपिका दोनों के परिवार के लोग होंगे. दोनों ही परिवार एकदूसरे को कपड़े, गिफ्ट और ज्वैलरी आदि समान गिप्ट देंगे. वैसे यह एक औपचारिक समारोह होता है जिसमें लड़का और लड़की एक दूसरे को पसंद करते हैं और एक दूसरे से शादी करने के लिए सहमती देते हैं.
पक्की मिश्री- यह फार्मल इंगेजमेंट सेरेमनी होता है जिसमें लड़के वालों के रिश्तेदार लड़की वालों के यहां जाते हैं और गणेश पूजन के बाद मिश्री नारियल एवं भेंट प्रदान की जाती है.
देव बिठाना- एक तरह की रस्म है जो कि दुल्हा- दुल्हन के घर होती है. जिसके बाद दूल्हा और दुल्हन शादी तक घर से बाहर नहीं जा सकते.
लाड़ा- ये एक तरह की लेडीज संगीत सेरेमनी होती है. सात सुहागनों द्वारा दम्पति के लिए शुभकामनाओं को लाने के लिए बर्तन में गणेश बनाकर उसमें चावल, सुपारी, हल्दी एवं दूबा की पूजा की जाती है और लड़का /लड़की को मि़ठाई खिलाई जाती है
टिह- इस रस्म के मुताबिक, दुल्हन की साइड से जो पंडित होते हैं वो दूल्हे के घर चावल, चीनी, मसाले, 21 मिठाइयां, नारियल, 9 खजूर और हरे रंग का सिल्क का धागा लेकर जाते हैं. फिर वो दूल्हे के घर पर पूजा करते हैं.
शादी से पहले वनवास जो कि दुल्हा- दुल्हन के परिवार वालों की तरफ से शादी के एक दिन पहले शुरु की जाती है. जिसमें सुहागन महिलाएं होती हैं. इन सब के बाद मेहंदी, जेन्या, सागरी और घरी पूजा जैसी रस्म होती है. जिसके बाद पसली भरना, कंडी पूजा और शादी वाले दिन हल्दी, गरो धागो, बारात, जयमाला, पाल्ली पल्लो, फेरे जैसी चीजें होती है.
Source : News Nation Bureau