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Randeep Hooda: फिल्म बैटल ऑफ सारागढ़ी की शूटिंग के बाद डिप्रेशन में चले गए थे रणदीप हुड्डा

राजकुमार संतोषी की ऐतिहासिक युद्ध फिल्म बैटल ऑफ सारागढ़ी के लिए रणदीप हुडा ने अपना लुक बदला. इस बीच एक्कटर को कई भूमिकाएं के ऑफर भी मिले, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया. फिल्म अचानक बंद कर दी गई, जिसके बाद एक्टर को एकदम से धक्का लगा और वह सदमे में चले गए.

Updated on: 29 Sep 2023, 11:04 PM

नई दिल्ली:

रणदीप हुडा बॉलीवुड के सबसे बहुमुखी और दिलचस्प अभिनेताओं में से एक हैं. अपने लंबे और सफल करियर में, उन्होंने अलग-अलग किरदार निभाए हैं जिन्हें खूब सराहा गया. हालांकि, बैटल ऑफ सारागढ़ी नाम का उनका एक जुनूनी प्रोजेक्ट 20 दिनों की शूटिंग के बाद बंद कर दिया गया था. हाल ही में एक इंटरव्यू में, अभिनेता ने बताया कि इसका उनके मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ा है. एक इंटरव्यू में रणदीप हुडा ने इस बारे में बात की.

 
 
 
 
 
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रणदीप हुडा ने सारागढ़ी की लड़ाई के बारे में बात की

एक इंटरव्यू में रणदीप हुडा ने इस बारे में बात करते हुए बताया कि सारागढ़ी की लड़ाई को ठंडे बस्ते में डालने से उनकी दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ा. उन्होंने कहा कि उनसे ज्यादा उनके आसपास के लोग ही उनके बारे में चिंतित हैं. उन्होंने कहा, मैं डिप्रेशन के एक बड़े, लंबे फेज से गुजरा हूं. एक्टर ने खुलासा किया कि उन्होंने उसी समय 2020 की हॉलीवुड एक्शन फिल्म एक्सट्रैक्शन की थी. वास्तव में, एक्सट्रैक्शन मैंने उस स्टेज में किया था. जबकि मैं इस पर बहुत निराश था. हुडा इस फिल्म को ना कहना चाहते थे क्योंकि उन्हें अपनी दाढ़ी कटवानी थी जो उन्होंने बैटल ऑफ सारागढ़ी के लिए बढ़ाई थी.

रणदीप के परेंट्स उन्हें अकेला नहीं छोड़ते थे

उन्होंने आगे कहा, मेरे माता-पिता तो मुझे अकेला ही नहीं छोड़ते थे. फिर मैं उन्हें छोड़कर कमरे में बंद कर के सोचने लगा कि कोई मेरा शुभ चिंतक मेरी दाढ़ी ना काट दे. सोने से पहले मेरा कमरा ताकि कोई मेरी दाढ़ी न काटे.

सारागढ़ी की लड़ाई के बारे में

सारागढ़ी की लड़ाई उसी नाम की लड़ाई पर आधारित थी जो 1897 में मुट्ठी भर सिखों और लगभग दस हजार अफरीदी और ओरकजई पश्तून आदिवासियों के बीच हुई थी. फिल्म का निर्देशन राजकुमार संतोषी ने किया था और इसमें हवलदार ईशर सिंह की भूमिका हवलदार हुडा ने निभाई थी. फिल्म की अनाउंसमेंट पहली बार 2016 में की गई थी और टीम ने 20 दिनों तक शूटिंग भी की थी. साल 2018 में, अक्षय कुमार ने उसी घटना पर आधारित फिल्म केसरी की घोषणा की और एक साल बाद 2019 में, यह थिएटर में रिलीज़ हुई. 

एक मीडिया एजेंसी से बातचीत में, संतोषी ने कहा कि उनके फाइनेंसर और ओटीटी प्लेटफॉर्म केसरी के कारण डर गए थे और इसलिए उन्हें इस परियोजना को बंद करना पड़ा.