प्रियंका चोपड़ा ने हाल में एक ऐसा धमाकेदार इंटरव्यू दिया है कि बॉलीवुड की जड़ें हिल गई हैं. प्रियंका ने अपने पर्सनल एक्सपीरियंस शेयर किए. इन्हें सुनकर लग रहा है जैसे ना जाने किस जमाने की बात हो. प्रियंका को अपने रंग की वजह से ताने सुनने पड़े. इतना ही नहीं फिल्म में उनकी स्किन का कलर तक बदल दिया जाता था. लोग उन्हें सांवली कहते थे. Priyanka Chopra ने कहा, मुझे याद है जब मैंने फिल्में करना शुरू किया तो मुझे सांवली समझा जाता था. मुझे सांवली एक्ट्रेस लिखा जाता था और मुझे लगता था 'सांवली क्या है? इसका क्या मतलब है?' फिर भी मैंने फेयरनेस क्रीम के लिए एक ऐड किया. एक ब्यूटी ब्रांड एक एक्टेस का बहुत बड़ा हिस्सा होता है और सभी ब्यूटी ब्रैंड्स वही क्रीम बेच भी रहे हैं.
प्रियंका चोपड़ा ने बताया कि 2000 में उन्होंने एक ऐड किया था. इसमें वह एक 'सांवली' लड़की के रोल में थीं जो फूल बेच रही है और एक लड़का वहां आता है लेकिन वह उसे देखता भी नहीं है. वह फिर इस फेयरनेस क्रीम को लगाना शुरू कर देती है फिर उसे नौकरी मिल जाती है, लड़का मिल जाता है और उसके सारे सपने सच हो जाते हैं. इसके बाद प्रियंका ने कभी फेयरनेस क्रीम के ऐड ना करने का फैसला लिया था.
फिल्म में एडिटिंग से बदला जाता था प्रियंका का रंग
प्रियंका ने बताया कि फिल्मों में कास्टिंग के दौरान गोरे लोगों को फायदा होता है. उन्होंने कहा, 'मुझे कई फिल्मों में गोरा किया गया. इसके लिए मेकअप और ब्लास्टिंग लाइटिंग की मदद ली जाती थी. एक गाना था जो मुझे अभी भी याद है 'चिट्टी दूध कुड़ी' जिसका मतलब है एक लड़की जो दूध की तरह सफेद है और मैं वैसी नहीं हूं लेकिन मैं उसका रोल कर रही थी. इस फिल्म में मैं ज्यादा ही गोरी दिखाई गई थी.
प्रियंका ने कहा, जब मैं फिल्म बिजनेस में आई उस समय अगर आप गोरे थे तो आपको किसी ना किसी तरह की सक्सेस या कास्टिंग की गारंटी थी लेकिन अगर आप सांवले होते थे, हालांकि मैं उतनी नहीं थी लेकिन सांवली लड़कियों के लिए यह था, आइए आपको गोरा करते हैं. प्रियंका चोपड़ा ने पहले भी इंटरव्यू में इस बारे में बात की थी. उन्होंने बताया था कि करियर की शुरुआत के दौरान उन्हें बॉडी शेमिंग का सामना करना पड़ा था. लोग उन्हें काली बिल्ली' और 'सांवली' कह देते थे.