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Preity Zinta: प्रीति जिंटा ने रसोई घर में जलाया चूल्हा, फैंस ने लगा दी कमेंट्स की झड़ी

एक्ट्रेस प्रीति जिंटा (Preity Zinta) अपने परिवार के साथ पहाड़ियों में अपना अधिकतर समय बिता रही हैं.

Updated on: 12 May 2023, 08:08 PM

नई दिल्ली:

एक्ट्रेस प्रीति जिंटा (Preity Zinta) अपने परिवार के साथ पहाड़ियों में अपना अधिकतर समय बिता रही हैं. वह इस समय अपने पति जीन गुडएनफ और अपने बच्चों जय और जिया के साथ शिमला में हैं. हाल ही में, एक्ट्रेस ने अपने प्रवास से तस्वीरें पोस्ट कीं,  फोटो में देखा जा सकता है, उन्होंने पहाड़ियों में इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक चूल्हे (ओवन) का उपयोग करने की कोशिश की. फोटो में प्रीति सलवार सूट में नजर आ रही हैं. उन्होंने स्वेटर भी पहन रखा था और सिर को दुपट्टे से ढक रखा था. फोटोज में वह चूल्हे के बगल में आग जलाने और खाना बनाने की कोशिश करती नजर आ रही थीं.

एक्ट्रेस ने (Preity Zinta) फोटो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "पुरानीpre यादें फिर से जी रहे हैं और नई यादें बना रहे हैं. सारी कहानी पहाड़ी घरों में रसोई के इर्द-गिर्द घूमती है. यहां मैं आग जलाने और पुराने स्कूल के चूल्हे को इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही हूं.''  फोटोज शेयर करने के तुरंत बाद, ''फैंस ने उनकी सादगी के लिए प्यार बढ़ाया. उनमें से एक ने कमेंट सेक्शन में लिखा, "यह बिल्कुल सच है मैम... पहाड़ी घरों में सब कुछ किचन के इर्द-गिर्द ही घूमता है... आपको इस तरह देखकर बहुत अच्छा लगा... आपने जहां भी अपनी जड़ों पर हमेशा गर्व किया है.. इससे हमें बहुत गर्व होता है. एक और बात जो मेरे लिए गर्व की बात है. वह है सीजेएम शिमला से आपका सुपर जूनियर होना. हम आपकी ओर देखते हैं. "यह अद्भुत है, सुनहरे सालों की सुनहरी यादें वापस लाता है. मैं उन दिनों में से कुछ जी रहा था.

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'शिमला में रहती हैं प्रीति'

प्रीति का जन्म शिमला जिले में हुआ था, वह यूएस में रहती है और हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग के सीजन के दौरान भारत लौटी थी. वह और उसका परिवार शिमला के हटेश्वरी माता मंदिर गए. ट्विटर पर उसी के बारे में एक पोस्ट साझा करते हुए, प्रीति ने लिखा, “जब मैं एक छोटी लड़की थी तो मैं अक्सर हाटकोटी, शिमला-हिमाचल प्रदेश में हाटेश्वरी माता मंदिर जाती थी. इस मंदिर ने मेरे बचपन में एक बड़ी भूमिका निभाई है और मैंने हमेशा इससे बहुत जुड़ाव महसूस किया है. अब जब मैं एक मां हूं तो यह स्वाभाविक है कि मेरे बच्चे जिस पहले मंदिर में गए थे वह यह अविश्वसनीय और प्राचीन मंदिर था.