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प्रसून जोशी (गीतकार)
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प्रसून जोशी (गीतकार)
रायन इंटरनेश्नल स्कूल में 7 साल के बच्चे प्रद्युमन की गला रेत कर हत्या करने की ख़बर देश के हर हिस्से में आग की तरह फैल गई है। इस ख़बर से बॉलीवुड भी अछूता नहीं है।
मासूम बच्चे की स्कूल में हत्या... गला रेत कर हत्या... यह एक ऐसी ख़बर है जिसे कोई सुनना नहीं चाहेगा।
लेकिन ऐसा हुआ है और वो भी गुरुग्राम के 'टॉप एजुकेशन प्रोवाइडर स्कूल' रायन इंटरनेशनल स्कूल में। इस ह्रदयविदारक ख़बर के आने के बाद मशहूर गीतकार प्रसून जोशी ने अपने दुखों को कविता में बयां किया है।
यह कविता प्रसून जोशी ने अपने फेसबुक एकाउंट पर पोस्ट की है।
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कविता के बोल हैं-
'जब बचपन तुम्हारी गोद में आने से कतराने लगे, जब माँ की कोख से झाँकती ज़िन्दगी, बाहर आने से घबराने लगे, समझो कुछ ग़लत है।
जब तलवारें फूलों पर ज़ोर आज़माने लगें, जब मासूम आँखों में ख़ौफ़ नज़र आने लगे, समझो कुछ ग़लत है।
जब ओस की बूँदों को हथेलियों पे नहीं, हथियारों की नोंक पर थमना हो, जब नन्हें-नन्हें तलुवों को आग से गुज़रना हो, समझो कुछ ग़लत है जब किलकारियाँ सहम जायें जब तोतली बोलियाँ ख़ामोश हो जाएँ समझो कुछ ग़लत है।
कुछ नहीं बहुत कुछ ग़लत है क्योंकि ज़ोर से बारिश होनी चाहिये थी पूरी दुनिया में हर जगह टपकने चाहिये थे आँसू रोना चाहिये था ऊपरवाले को आसमान से फूट-फूट कर शर्म से झुकनी चाहिये थीं इंसानी सभ्यता की गर्दनें!
शोक नहीं सोच का वक़्त है मातम नहीं सवालों का वक़्त है। अगर इसके बाद भी सर उठा कर खड़ा हो सकता है इंसान तो समझो कुछ ग़लत हैl'
यहां पढ़ें कविता:
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Source : News Nation Bureau