महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि जिन सिनेमाघरों में फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' प्रदर्शित की जाएगी, वहां सरकार सुरक्षा मुहैया कराएगी। गृह राज्य मंत्री (शहरी) रंजीत पाटिल ने कहा कि फिल्म की स्थिति को देखते हुए जिन थियेटरों में यह फिल्म प्रदर्शित की जाएगी, वहां सुरक्षा मुहैया कराया जाएगा।
पाटिल ने मीडिया से कहा, 'सभी कदम उठा लिए गए हैं। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए हम रोजमर्रा के आधार पर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि हालांकि इस फिल्म का विरोध कर रहे कुछ समूह अपना पक्ष रखने के लिए सरकार के प्रतिनिधि से मिले थे और इस बारे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को बता दिया गया है।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से यह फैसला संजय लीला भंसाली को कुछ दिन पहले ही पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने के बाद लिया गया है। भंसाली को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता व फिल्म स्टूडियो सेटिंग और मजदूर संघ के अध्यक्ष राम कदम ने इस फिल्म का जोरदार विरोध किया है। उन्होंने कहा, 'लोगों की भावनाओं को देखते हुए, उन्होंने फिल्म का हरसंभव विरोध करने का फैसला किया है और संघ भविष्य में कभी भी भंसाली के साथ काम नहीं करेगा।'
भंसाली के अलावा,फिल्म की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को भी श्री राजपुत करणी सेना की ओर से धमकाया गया है। करणी सेना ने 1 दिसंबर को पूरे भारत में फिल्म के विरोध में राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है।
क्या है 'पद्मावती' विवाद
विभिन्न समूहों, विशेषज्ञों का कहना है कि भंसाली ने राजपूत महारानी, रानी पद्मावती का गलत चित्रण किया है।
फिल्म की शूटिंग के दौरान ही देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न स्थानों पर भंसाली के खिलाफ हिंसा और फिल्म के खिलाफ विरोध देखा गया था और अब यह जल्द ही दुनिया भर में रिलीज के लिए तैयार है।
इन समूहों और इससे जुड़े लोगों को छोड़कर, पूरा फिल्म जगत भंसाली की फिल्म के समर्थन में उतर गया है।
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Source : News Nation Bureau