'पद्मावत' पर हिंसा की चपेट में स्कूली बच्चे, राहुल ने कहा- देश में नफरत फैला रही BJP
फिल्म 'पद्मावत' का विरोध अब हिंसक होता जा रहा है। बुधवार को इस हिंसा की चपेट में स्कूली बच्चे भी आ गए। फिल्म की रिलीज के विरोध में हरियाणा के गुरुग्राम में प्रदर्शनकारियों के स्कूली बस को निशाना बनाया।
highlights
- फिल्म 'पद्मावत' के विरोध में जारी हिंसा की चपेट में स्कूली बच्चे
- हरियाणा के गुरुग्राम में प्रदर्शनकारियों के स्कूली बस को निशाना बनाया
- राहुल गांधी ने कहा कि बच्चों पर हिंसा को किसी भी कीमत पर जायज नहीं ठहराया जा सकता
नई दिल्ली:
फिल्म 'पद्मावत' का विरोध अब हिंसक होता जा रहा है। बुधवार को इस हिंसा की चपेट में स्कूली बच्चे भी आ गए। फिल्म की रिलीज के विरोध में हरियाणा के गुरुग्राम में प्रदर्शनकारियों के स्कूली बस को निशाना बनाया।
सैंकड़ों की संख्या में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने स्कूली बस पर पथराव किया। हालांकि इस पथराव में कोई बच्चा घायल नहीं हुआ।
स्कूल के कर्मचारी ने बताया कि जैसे ही बस स्कूल से निकली, प्रदर्शनकारियों ने इस पर हमला कर दिया।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, 'जैसे ही बस स्कूल से निकली, उस पर हमला कर दिया। यहां तक की पुलिस उन लोगों पर काबू नहीं कर पाई। बच्चों ने किसी तरह से छिपकर अपने आप को बचाया।'
गुरुग्राम में इस स्कूल बस को ऐसे समय में निशाना बनाया गया है, जब वहां पर स्थानीय प्रशासन ने निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर रखी है। इस हिंसा के बाद राज्य की खट्टर सरकार एक बार फिर से कानून-व्यवस्था को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है।
और पढ़ें: चार राज्यों में 'पद्मावत' की रिलीज से सिनेमाघरों ने खड़े किए हाथ
कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने इस हमले की निंदा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है।
राहुल ने ट्वीट कर कहा, 'बच्चों पर होने वाली हिंसा को किसी भी तरह से न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। हिंसा और घृणा कमजोर लोगों के हथियार हैं। बीजेपी हिंसा और घृणा की मदद से पूरे देश को आग में झोंक रही है।'
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने कहा, 'जिस तरह से स्कूली बस पर हमला किया गया और एक बस में आग लगा दी गई उन्हें क्षमा नहीं किया जा सकता है। खट्टर सरकार राज्य में क़ानून-व्यवस्था बरकरार रखने को लेकर सभी मोर्चे पर नाकाम रही है। यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करें। अगर वह ऐसा नहीं कर पा रहे तो फिर उन्हें सरकार में बने रहने का कोई हक नहीं।'
गौरतलब है कि करणी सेना समेत अन्य राजपूतों का संगठन इस फिल्म के प्रदर्शन का विरोध कर रहा है।
देश भर के सिनेमाघरों में यह फिल्म 25 जनवरी को रिलीज हो रही है। हालांकि तोड़ फोड़ और हिंसा एवं आगजनी को देखते हुए चार राज्यों के सिनेमाघरों इस फिल्म को दिखाने से हाथ पीछे खींच लिए हैं।
मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और गोवा में फिल्म को दिखाने से मना कर दिया है। वहीं उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने एहतियात बरतने को लेकर एडवाइजरी जारी की है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस फिल्म पर जारी विरोध प्रदर्शन को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं।
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, 'सरकार अगर समस्त आशंकाओं के बावजूद भी किसी प्रदर्शन की अनुमति दे रही है तो फिर उसे जनता की सुरक्षा की गारंटी भी देनी होगी. सरकार ऐसी ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकती।'
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पद्मावत को पूरे देश में रिलीज किया जाना है। कोर्ट ने फिल्म की रिलीज रोके जाने की याचिका को खारिज करते हुए राज्य सरकारों को दर्शकों को सुरक्षा दिए जाने का आदेश दिया था।
हालांकि राज्यों में स्थिति हाथ से निकलती दिखाई दे रही है। खबर लिखे जाने तक गुजरात, राजस्थान, जम्मू, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में राजपूत संगठनों की हिंसा और आगजनी की खबरें आ चुकी है।
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