logo-image

फिल्मी परिवारों के बच्चे असफलता से फोकस नहीं खोते

फिल्मकार अनुराग कश्यप बॉलीवुड में अलग-अलग विषयों पर फिल्में बनाने के लिए फेमस हैं। उनका कहना है कि जो कलाकार इंडस्ट्री में बाहर से आते हैं, वे जल्द ही अपना फोकस खो देते हैंं। लेकिन फिल्मी परिवारों से आने वाले कलाकारों के साथ ऐसा नहीं है। वे इनके मुकाबले ऊंचा मुकाम हासिल करते हैं।

Updated on: 28 Sep 2016, 02:45 PM

नई दिल्ली:

फिल्मकार अनुराग कश्यप बॉलीवुड में अलग-अलग विषयों पर फिल्में बनाने के लिए फेमस हैं। उनका कहना है कि जो कलाकार इंडस्ट्री में बाहर से आते हैं, वे जल्द ही अपना फोकस खो देते हैंं। लेकिन फिल्मी परिवारों से आने वाले कलाकारों के साथ ऐसा नहीं है। वे इनके मुकाबले ऊंचा मुकाम हासिल करते हैं।

'देव डी' के डारेक्टर ने कहा कि स्टार के बच्चे परिवार में सफलता और असफलता को पहले से ही देख चुके होते हैं। इसलिए वे खुद को संभालने के लिए तैयार रहते हैं।

जागरण फिल्म फेस्टिवल के दौरान अनुराग कश्यप ने कहा मैंने अकसर देखा है कि जो बच्चे फिल्म इंडस्ट्री में पले-बढ़े होते हैं, वे ज्यादा स्टेबल होते हैं। वहीं बाहर से आए कलाकार एक फिल्म के बाद ही पागल हो जाते हैं। यह मैंने अपने 23 सालों के अनुभव के दौरान महसूस किया है।

उन्होंने कहा अभिनय के लिए अलग सोच होनी चाहिए। कोई भी पहली फिल्म से सफलता-असफलता का अंदाजा नहीं लगा सकता है। गौरतलब है कि अनुराग डारेक्शन और प्रोडक्शन के अलावा अभिनय में भी हाथ आजमा चुके हैं। पिछले महीने आई 'अकीरा' फिल्म में उन्होंने वीलेन की भूमिका निभाई थी।