मशहूर संगीत निर्देशक शांतनु महापात्रा का निधन, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
शांतनु महापात्रा (Shantanu Mahapatra) लगभग 60 वर्षो से ओड़िया संगीत जगत से जुड़े रहे. ओड़िया संगीत के क्षेत्र में एक संगीतकार के रूप में उनका पहला स्थान है
नई दिल्ली:
महान संगीत निर्देशक शांतनु महापात्रा (Shantanu Mahapatra) का मंगलवार रात यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 84 वर्ष के थे. परिवार के सूत्रों ने बताया कि महापात्रा गंभीर निमोनिया और अन्य बुढ़ापे से संबंधित बीमारी से पीड़ित थे. शांतनु महापात्रा (Shantanu Mahapatra) लगभग 60 वर्षो से ओड़िया संगीत जगत से जुड़े रहे. ओड़िया संगीत के क्षेत्र में एक संगीतकार के रूप में उनका पहला स्थान है.
उन्होंने गीतकार गुरुकृष्ण गोस्वामी के साथ पहले आधुनिक ओड़िया गीत 'कोणार्क गाथा' की रचना की, जिसे अक्षय मोहंती ने गाया था. उन्होंने लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, मन्ना डे, उषा मंगेशकर, सुरेश वाडेकर, अनुराधा पौडवाल, उषा उथुप और कविता कृष्णमूर्ति जैसे कई बॉलीवुड कलाकारों के साथ भी काम किया है.
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साल 1936 में मयूरभंज जिले में जन्मे, महान संगीत निर्देशक एक भूभौतिकीविद् (आईआईटी-खड़गपुर के पूर्व छात्र) थे और ओडिशा खनन निगम के साथ काम करते थे.
ओड़िशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने महापात्र के निधन पर शोक व्यक्त किया. आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वभूषण हरिचंदन ने भी संगीतकार की मौत पर शोक व्यक्त किया. मुख्यमंत्री ने कहा, "एक गीतकार और संगीत निर्देशक के रूप में वह अपनी प्रतिभा के चमकते हस्ताक्षर छोड़ गए हैं. उनका पूरा जीवन संगीत के लिए समर्पित था. उनके द्वारा निर्देशित संगीत उन्हें हमेशा के लिए अमर रखेगा." महापात्रा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
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