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Naushad Death Anniversary( Photo Credit : Social Media)
Naushad Death Anniversary: बॉलीवुड के म्यूजिशियन और लिरिक्स राइटर नौशाद की आज पुण्यतिथि है. आज ही के दिन 5 मई को साल 2006 को उनका निधन हो गया था. नौशाद ने करीब नब्बे फ़िल्मों में गीतों को अपने संगीत से सजाया. उनके संगीत के दम पर बहुत सी फिल्में यादगार बन गईं. 5 मई, 2006 को इस बेमिसाल संगीतकार ने दुनिया को अलविदा कह दिया. उन्हें जुहू के इसी कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया था.
संगीत नौशाद की रगों में लहू बनकर बहता थावो नवाबों के शहर लखनऊ में पले बढ़े...पिता ने कहा था संगीत छोड़ दो..उन्होंने घर छोड़ दिया...बॉम्बे पहुंचकर मशक्कत की...फुटपाथ पर रात गुजारी...लेकिन एक बार कामयाबी मिली तो पूरा आसमान आगोश में सिमट गया.
नौशाद को पहली बार 1940 में फिल्म प्रेम नगर में संगीत देने का मौका मिला...लेकिन 1944 में आई रतन फिल्म ने उनका नाम घर घर तक पहुंचा दिया. नौशाद को इस फिल्म में काम करने के लिए 25 हजार रुपए मिले थे....
आलम ये था कि उस वक्त शादियों में उस फिल्म का एक गाना खूब बजता...गाने के बोल थे...अंखियां मिला के चले नहीं जाना....इस गाने से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा नौशाद की शादी से भी जुड़ा है
बात उन दिनों की है...जब के आसिफ मुगले आजम बना रहे थे. उन्हें अपनी ड्रीम फिल्म के लिए एक अच्छे संगीतकार की तलाश थी.किसी ने उन्हें नौशाद का नाम सुझाया. फिर आसिफ, नौशाद से मिलने उनके घर पहुंच गए.नौशाद उस समय हारमोनियम पर कुछ धुन तैयार कर रहे थे. आसिफ को नौशाद का संगीत इतना पसंद आया कि उन्होंने उसी समय 50 हजार रु. के नोटों का बंडल नौशाद के हारमोनियम पर फेंक दिया.
नौशाद को ये अपमानजनक लगा.नौशाद को इतना गुस्सा आया...कि उन्होंने नोटों का वही बंडल उठाकर वापस के आसिफ की तरफ फेंक दिया.
नौशाद ने मुगल ए आजम में संगीत देने से साफ इनकार कर दिया. हालांकि बाद में काफी मान-मनव्वल के बाद नौशाद तैयार हो गए, लेकिन उन्होंने आसिफ से एक भी रुपया नहीं लिया. इन्होंने ही इस फिल्म के गाने 'जब प्यार किया तो डरना क्या' को संगीत दिया था. ये गाना आज भी हिंदी सिनेमा में एक अमर गीत जैसा है.
मुंबई के पॉश बांद्रा इलाके में ये नौशाद का घर है. इसी आशियाने में बैठकर नौशाद ने एक से बढकर एक यादगार धुनें बनाई थी.
नौशाद ने करीब नब्बे फ़िल्मों में गीतों को अपने संगीत से सजाया...उनके संगीत के दम पर बहुत सी फिल्में यादगार बन गईं... 5 मई, 2006 को इस बेमिसाल संगीतकार ने दुनिया को अलविदा कह दिया...उन्हें जुहू के इसी कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया था.
Source : News Nation Bureau