इरफान खान को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने दी श्रद्धांजलि, लिखा- एक मेधावी सदस्य को खो दिया
इरफान खान (Irrfan Khan) चाहते थे कि भारत में नई प्रतिभाएं रंगमंच पर आएं और देया में थियेटर की संस्कृति उसी तरह विकसित हो, जैसा कि विकसित देशों में है
नई दिल्ली:
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान (Irrfan Khan) के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि थिएटर स्कूल ने अपने 'मेधावी' सदस्यों में से एक को खो दिया. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) ने एक बयान में कहा, 'न केवल नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने अपने एक मेधावी सदस्य को खो दिया है, बल्कि इरफान का निधन भारतीय कला और सिनेमा बिरादरी के लिए एक बड़ा नुकसान है.' अपने एनएसडी दिनों के दौरान, पद्मश्री अभिनेता ने विभिन्न नाटकों का प्रदर्शन किया था, जिसमें कार्लो गोल्डोनी का द फैन, मैक्सिम गोर्की का लोअर डेप्थ और लड़ाकू मुर्गा शामिल हैं. एनएसएडी ने कहा,'सभी नाटकों में आपका अभिनय सराहनीय था.' इरफान खान ने प्रतिष्ठित थिएटर स्कूल से अभिनय में विशेषज्ञता हासिल की.
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विख्यात अभिनेता ( पूर्व छात्र एनएसडी ) श्री इरफ़ान खान के निधन की खबर बेहद शोकनिय है एनएसडी परिवार भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है । इरफ़ान भाई का रंगमंच में अविस्मरणीय योगदान रहा है ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। - सुरेश शर्मा प्रभारी निदेशक -एन एस डी pic.twitter.com/1yCjW4Tmhp
— National School of Drama (@nsd_india) April 29, 2020
बता दें कि इरफान का थियेटर के प्रति गहरा लगाव था. इरफान खान (Irrfan Khan) चाहते थे कि भारत में नई प्रतिभाएं रंगमंच पर आएं और देया में थियेटर की संस्कृति उसी तरह विकसित हो, जैसा कि विकसित देशों में है. वह यह भी चाहते थे कि राजस्थान के गांवों की लोक कथाएं शहरों में बताई जाएं, ताकि ग्रामीण और शहरी भारत के बीच सही तालमेल बैठ सके.
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साल 2016 में जयपुर आने के दौरान उन्होंने कहा था, 'किसी अन्य देश में रंगमंच पर जाने को कभी भी हीन द्रष्टि से नहीं देखा जाता है, लेकिन भारत में चीजों को बदलने की जरूरत है.'
इरफान ने कहा था, 'भारत में भी परि²श्य को बदलते हुए देखना अच्छा लग रहा है. मैं गुजरात और राजस्थान के लोगों को अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकाल कर नियमित रूप से थियेटरों में जाते हुए देखकर खुश होता हूं. इस माध्यम से विभिन्न राज्यों की कला और संस्कृति संरक्षित है और इसलिए इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए.'
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