फिल्मकार बुद्धदेव दासगुप्ता का निधन, PM नरेंद्र मोदी ने जताया शोक
77 साल की उम्र में अंतिम सांस लेने वाले बुद्धदेव दासगुप्ता (Buddhadeb Dasgupta) किडनी और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और उनका इलाज भी चल रहा था
highlights
- फिल्मकार बुद्धदेव दासगुप्ता का निधन
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया जताया शोक
- बुद्धदेव दासगुप्ता को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है
नई दिल्ली:
कई राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बंगाली फिल्म निर्माता और प्रसिद्ध कवि बुद्धदेव दासगुप्ता (Buddhadeb Dasgupta) का गुरुवार सुबह लगभग 6 बजे उनके दक्षिण कोलकाता स्थित आवास पर निधन हो गया है. 77 साल की उम्र में अंतिम सांस लेने वाले बुद्धदेव दासगुप्ता (Buddhadeb Dasgupta) किडनी और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे और उनका इलाज भी चल रहा था. उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "श्री बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन से दुखी हूं. उनके विविध कार्यों ने समाज के सभी वर्गों के साथ तालमेल बिठाया है. वे एक प्रख्यात विचारक और कवि भी थे. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और कई प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति."
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Anguished by the demise of Shri Buddhadeb Dasgupta. His diverse works struck a chord with all sections of society. He was also an eminent thinker and poet. My thoughts are with his family and several admirers in this time of grief. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 10, 2021
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, "प्रख्यात फिल्म निर्माता बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन पर दुखी हूं. अपने कार्यों के माध्यम से उन्होंने सिनेमा की भाषा में गीतवाद का संचार किया. उनकी मृत्यु फिल्म बिरादरी के लिए एक बड़ी क्षति है. उनके परिवार, सहकर्मियों और प्रशंसकों के प्रति संवेदना."
राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हाकिम ने पोस्ट किया, "बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ. वह एक प्रख्यात फिल्म निर्माता थे और उनकी मृत्यु फिल्म बिरादरी के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है. उनके परिवार, सहयोगियों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना."
दासगुप्ता को उनकी फिल्म 'उत्तरा' और 'स्वप्नेर दिन' के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जबकि उनकी फिल्में 'बाघ बहादुर', 'चराचर', 'लाल दरजा', 'मंदो मेयेर उपाख्यान' और 'कालपुरुष' को भी सर्वश्रेष्ठ फिल्म की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
इसके अलावा, उनकी दो फिल्मों 'दूरत्व' और 'ताहादेर कथा' को बंगाली में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है. दासगुप्ता ने बंगाली कविता की दुनिया में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनकी उल्लेखनीय कृतियों में 'गोभीर आराले', 'हिमजोग', 'छटा काहिनी', 'रोबोटेर गान' और 'कॉफिन किम्बा सूटकेस' शामिल हैं. उनके निधन से फिल्म उद्योग, उनके दोस्तों, अनुयायियों और सिनेमा प्रेमियों के बीच गम का माहौल है. सभी सदमे में हैं और सोशल मीडिया पर अपनी संवदेनाएं व्यक्त कर रहे हैं.
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