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मराठी एक्टर वीरा सतिदर का कोरोना से निधन, 'कोर्ट' को मिल चुका है नेशनल अवॉर्ड

वीरा सतिदर पिछले कुछ समय से नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती थे. मंगलवार तड़के उन्होंने आखिरी सांस ली. बताया जा रहा है कि कोविड-19 से जुड़ी समस्याओं के कारण उनका निधन हुआ है.

Updated on: 13 Apr 2021, 03:15 PM

highlights

  • कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती थे वीरा सतिदर
  • वीरा सतिदर के निधन पर ‘कोर्ट’ के निर्देशक ने जताया दुख
  • फिल्म ‘कोर्ट’ से मिली थी वीरा सतिदर को पहचान

नई दिल्ली:

देश में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर की बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है. देश में तकरीबन हर रोज लाखों मरीज सामने आ रहे हैं. इस महामारी से दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अस्पतालों में बेड्स (Lake of Beds) की कमी हो चुकी है. इस खतरनाक वायरस (Coronavirus) से आम आदमी से लेकर वीवीआईपी तक परेशान हैं. फिल्म इंडस्ट्री (Film Industry) में इस वायरस का जमकर कहर देखा जा रहा है. अब इस खतरनाक वायरस के कारण एक और कलाकार अपनी जिंदगी की जंग हार गया. जाने माने मराठी अभिनेता और एक्टिविस्ट वीरा सतिदर (Vira Sathidar) का कोरोनावायरस (Coronavirus) के कारण निधन हो गया है. 

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वीरा सतिदर पिछले कुछ समय से नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती थे. मंगलवार तड़के उन्होंने आखिरी सांस ली. बताया जा रहा है कि कोविड-19 से जुड़ी समस्याओं के कारण उनका निधन हुआ है. उन्होंने नागपुर के एक हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली. उनके निधन की पुष्टि 'कोर्ट' के डायरेक्टर चैतन्य तम्हाणे ने की. उन्होंने कहा कि 'यह सही है. अस्पताल में सुबह 3 बजे के करीब उन्होंने अंतिम सांस ली. वे कोविड-19 से जूझ रहे थे और वेंटिलेटर पर थे. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण खबर है.'

‘कोर्ट’ के निर्देशक ने जताया दुख

वीरा सतिदर ने फिल्म ‘कोर्ट’ में काफी बेहतरीन अभिनय किया था. इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था. रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म कोर्ट का निर्देशन करने वाले चैतन्य ताम्हाणे ने कहा कि फिलहाल मैं इस खबर को सुनकर हैरान हूं और कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं. वह उन सबसे अच्छे लोगों में से एक थे, जिनसे मैं मिला. हम उन्हें फिल्म ‘कोर्ट’ के एक मुख्य चेहरे के रूप में पाकर धन्य थे. मैं अभी भी इस खबर पर विश्वास नहीं कर पा रहा हूं. यह बहुत दुखद है.

आस्कर के लिए भेजी गई थी ‘कोर्ट’ 

सतिदर को फिल्म 'कोर्ट' से ही पहचान मिली थी. इसमें उन्होंने एक प्रदर्शनकारी सिंगर नारायण कांबले का रोल निभाया था, जिस पर अपने एक लोकगीत के जरिए मैनहोल कार्यकर्ता को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप होता है. फिल्म ने न केवल बेस्ट फीचर फिल्म का नेशनल अवॉर्ड जीता था, बल्कि यह भारत की ओर से ऑस्कर की बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी के लिए भी भेजी गई थी.

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एक्टिविस्ट और कवि भी थे

तम्हाणे ने कहा कि 'वे सिर्फ एक्टर नहीं थे. बल्कि एक एक्टिविस्ट और कवि भी थे. इसके साथ ही मैं अब तक जिन लोगों से मिला, उनमें वे सबसे अच्छे इंसानों में से एक थे. मैं अब भी यकीन नहीं कर पा रहा हूं. वे बहुत अच्छे इंसान थे और अब मैं सिर्फ उस वक्त को याद कर सकता हूं, जो मैंने 'कोर्ट' की शूटिंग के दौरान उनके साथ बिताया था.'