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महेश भट्ट: काश, पाकिस्तान सेंसर बोर्ड 'बेगम जान' देखता

भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद की हालत को बयां करती फिल्म 'बेगम जान' को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया है।

Updated on: 13 Apr 2017, 10:30 PM

नई दिल्ली:

भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद की हालत को बयां करती फिल्म 'बेगम जान' को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया है। इस फिल्म के निर्माताओं में से एक महेश भट्ट का कहना है कि उनकी यह इच्छा है कि काश पड़ोसी देश का सेंसर बोर्ड एक बार यह फिल्म देखता और फिर कोई फैसला करता।

महेश भट्ट ने  कहा, 'मैं अपना सामान बेचने के लिए पाकिस्तान को एक बाजार के रूप में नहीं देखता। जब उनके सेंसर बोर्ड ने 'बेगम जान' नहीं देखी , तो मेरे कुछ करीबी सहयोगियों ने मेरा मजाक बनाया। इससे मुझे बुरा लगा। काश कि वो एक बार मेरी फिल्म देखते और फिर पाकिस्तान में इसे न दिखाने पर फैसला लेते।'

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उन्होंने कहा, 'मुझे सेंसर बोर्ड के किसी व्यक्ति ने कहा कि मैं सूचना, प्रसारण और नेशनल हेरिटेज मिनिस्ट्री  से बात करूं, जो विदेशी फिल्मों के आयात की अनुमति देता हैं क्योंकि सेंसर बोर्ड तो केवल सेंसर कोड के अनुसार फिल्म देखता है। मुझे बताया गया कि फिल्म के आयात पर आपत्ति उनकी (मंत्रालय) तरफ से आई थी।'

'बेगम जान' की कहानी साल 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद बंगाल की स्थिति पर आधारित है। अभिनेत्री विद्या बालन ने फिल्म में एक ऐसे कोठे की मालकिन का किरदार निभाया है जिसका आधा हिस्सा भारत और आधा पाकिस्तान में आता है।

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रितुपर्णा सेनगुप्ता भी इस फिल्म में अहम भूमिका निभा रही हैं। इसमें नसीरुद्दीन शाह, रजत कपूर, पल्लवी शारदा, इला अरुण, आशीष विद्यार्थी और चंकी पांडे जैसे सितारे भी नजर आएंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान विभाजन पर आधारित भारतीय फिल्मों का आयात नहीं करता, पाकिस्तान सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख मोबश्शिर हसन ने कहा, 'कृपया डिस्ट्रीब्यूटर से पूछें। वे फिल्मों का आयात करते हैं, सरकार नहीं।'

'बेगम जान' इस शुक्रवार सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

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