नई दिल्ली:
दक्षिण के सुपरस्टार विजय की फिल्म 'मेर्सल' में जीएसटी और डिजिटल इंडिया का कथित मजाक उड़ाने पर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
अब बॉलीवुड फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर ने अपनी फिल्म 'इंदु सरकार' की आलोचना करने वालों पर निशाना साधा है और कहा कि वे अब इस फिल्म का समर्थन कर चयनित आलोचना कर रहे हैं।
मधुर भंडारकर ने कहा, 'जो अभी मेर्सल का समर्थन कर रहे हैं, वो उस वक्त चुप थे, जब मुझे इंदु सरकार के लिए समर्थन की जरूरत थी। चयनात्मक आलोचना।'
भंडारकर ने राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा, 'सर, मैं किसी भी फिल्म के बैन होने के खिलाफ हूं। मुझे आपके समर्थन की उम्मीद थी, जब आपके कार्यकर्ता इंदु सरकार पर प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन आपने चुप्पी साध लिया था।'
इस फिल्म को लेकर चल रहे विवाद पर राहुल गांधी ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधाते हुये ट्वीट किया और लिखा,' मिस्टर मोदी, सिनेमा तमिल संस्कृति और भाषा की गहरी अभिव्यक्ति है। मेर्सल फिल्म के मामले में दखल देकर तमिल संस्कृति का 'राक्षसीकरण' न करें।
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दरअसल यह सारा बवाल तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष तमिलसाई सुंदरराजन द्वारा फिल्म के कुछ सीन्स पर आपत्ति जताने के बाद हुआ है।
उन्होंने फिल्म की आलोचना करते हुये कहा कि जीएसटी और डिजिटल मीडिया पर फिल्म में मौजूद सीन से लोगों को गलत जानकारी दी जा रही है। ऐसा विजय की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए किया गया है।
जिसके बाद केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन ने जीएसटी के बारे में कथित 'गलत' दृश्यों को हटाने की मांग की थी।
इस बवाल के बाद जहां सुपरस्टार रजनीकांत अभिनीत 'कबाली' के निर्देशक पी. ए. रंजीत 'मेर्सल' से जुड़े कलाकारों के समर्थन में आगे आ गए हैं। वहीं कमल हासन ने कहा कि आलोचकों को चुप नहीं कराया जाना चाहिए और भारत तभी चमकेगा जब उसे बोलने का मौका मिलेगा।
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