तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने रविवार को प्रसिद्ध पाश्र्व गायिका और भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त किया।
चंद्रशेखर राव ने कहा कि लता ने पिछले आठ दशकों से पाश्र्व गायन में एक स्थायी छाप छोड़ी है और उनके निधन ने एक खाली जगह छोड़ दी है, जिसे देश के संगीत जगत में कभी नहीं भरा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने गायन से लता ने हमें दिव्य संगीत दिया और वह भारतीय संगीत को ईश्वर का वरदान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लता के निधन के साथ ही संगीत महल खाली हो गया। उन्होंने कहा कि लता ने 20 भाषाओं में 1,000 फिल्मों में 50,000 गाने गाए हैं।
केसीआर ने कहा कि एक पाश्र्व गायिका के रूप में लता जी अभिनेत्रियों द्वारा दिए जाने वाले भावों की कल्पना करके गाना गाती थीं। फिल्म निर्माताओं को पहले लता की तारीखें मिलती थीं, फिर वे अभिनेताओं की तारीखें तय करते थे और यह अकेले उनकी मांग को दर्शाता था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लता उत्तर और दक्षिण फिल्म संगीत के बीच सेतु हैं। लता मंगेशकर, जिन्होंने उस्ताद अमंत अली खान के तहत शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण प्राप्त किया, ने उर्दू भाषा में महारत हासिल की थी, जिससे उन्हें उर्दू गजलों को त्रुटिहीन और मूल सुगंध के साथ प्रस्तुत करने में मदद मिली।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि शास्त्रीय और फिल्मी गीतों का मूल भाव, जो सात पीढ़ियों से कानों मधुर संगीत देती थी, राष्ट्र की निर्विवाद और अपरिहार्य आवाज बनी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका निधन भारतीय संगीत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।
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Source : IANS