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जानें क्या है न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर और कैसे करता है हमला, इसी दुर्लभ बीमारी से जंग हारे इरफान खान

न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर शरीर के कुछ खास कोशिकाओं में अपनी जगह बनाना शुरू करता है. जिसके बाद ये हार्मोन पैदा करने वाली शरीर की इंडोक्राइन कोशिका और नर्व कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है.

Updated on: 29 Apr 2020, 03:55 PM

नई दिल्ली:

बॉलीवुड के दिग्‍गज अभिनेता इरफान खान (Irrfan Khan) इस दुनिया को छोड़कर जा चुके हैं. इरफान ने बुधवार को 54 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. मंगलवार को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मुंबई के कोकिला बेन अस्‍पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. अभी कुछ दिन पहले ही उनकी मां का भी निधन हो गया था. साल 2018 में इरफान खान को पता चला था कि उन्हें न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है. इरफान खान (Irfan Khan) का इलाज लंदन के अस्पताल में चल रहा था और वे अभी हाल ही में भारत लौटे थे. लॉकडाउन से पहले ही उनकी आखिरी फिल्‍म 'अंग्रेजी मीडियम' रिलीज हुई थी.

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इरफान खान न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से ग्रसित थे. ये एक दुर्लभ बीमारी है, जो शरीर के अंदर कई अंगों पर भयानक हमला करती है. ये बीमारी सबसे पहले शरीर के किसी एक हिस्से पर प्रहार करती है, जिसके बाद वह धीरे-धीरे अन्य अंगों को भी अपने चपेट में लेना शुरू कर देती है. यदि समय रहते इस बीमारी का पता चल जाता है तो इसे कैंसर में तब्दील होने से रोका जा सकता है. न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर शरीर के कुछ खास कोशिकाओं में अपनी जगह बनाना शुरू करता है.

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जिसके बाद ये हार्मोन पैदा करने वाली शरीर की इंडोक्राइन कोशिका और नर्व कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है. ये दोनों कोशिकाएं शरीर की कई अहम गतिविधियों पर नियंत्रण रखती हैं. मेडिकल साइंस में बताया जाता है कि जब शरीर में न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर का निर्माण होता है, उस वक्त वह कैंसरयुक्त होता है. जानकारी के मुताबिक शरीर में विकसित होने के लिए इस ट्यूमर को काफी समय लगता है, हालांकि कुछ मामलों में ये काफी तेजी से फैलता है. ये इंसान के फेफड़े पर बुरी तरह से हमला करता है.