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faile photo( Photo Credit : NEWS NATION)
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faile photo( Photo Credit : NEWS NATION)
स्वर कोकिला लता दीदी आज दुनिया को अलविदा कह गई. उनके जानें के बाद उनकी हजारों काहनियां चर्चा का विषय बनीं हुई हैं. न्यूज नेशन के संवाददाता ने उनके ज्योतिषि सलाहकार से बात की तो कई ऐसे किस्से सामने आए. जिन्हें सुनने के बाद आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. लता मंगेशकर के ज्योतिष सलाहकार बनारस के स्वामी ओमा के मुताबिक स्वर कोकिला एक बार बनारस आई थीं. यहां उन्हे हरिश्चंद्र घाट के पास किसी कोठी में उन्हें ठहराया गया था. वहां से उन्हें घाट पर शव जलते हुए दिख रहे थे. एक बार लता को ऐसा लगा कि एक मुर्दा लकड़ियों से उठ गया. यह देखकर लता जी इतना डर गईं कि फिर कभी वह मुड़कर बनारस आने की हिम्मत नहीं जुटा पाईं.
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उन्होने बताया कि लता जी से पिछले माह ही बातचीत हुई थी. 'वाजिद अली शाह की किताब पढ़ रही थीं. वह कह रही थीं कि स्वामी जी मेरी तबीयत खराब लग रही है. क्या मैं फिर से गाना गा सकूंगी'. ओमा का कहना है कि 92 साल की उम्र में भी गायन के प्रति उनका समर्पण कम नहीं हुआ था. उन्होने बताया कि लता मंगेशकर को गीता और गालिब के शेर बहुत पसंद थे. इसे लेकर वाराणसी में हर साल एक चिराग-ए-लहर सम्मान की शुरुआत की गई, जिसे पद्माश्रीश देव, उषा मंगेशकर और हृदयनाथ मंगेशकर ने स्वीकार किया.
वहीं, इस बार यह सम्मान ग्रहण करने आशा भोसले आने वाली थीं. 2016 में उषा मंगेशकर और 2018 में हृदय नाथ मंगेशकर यह सम्मान लेने बनारस आए थे, जबकि लता जी लाइव जुड़ती थीं. 2014 में लता जी के जीवन पर एक डॉक्यूमेंट्री तैयार की गई, जो कि बनारस में ही पूरी तरह से बनी थी. वहीं, लता जी के ऊपर नज्म का राजेश्वर आचार्य ने पाठ किया था.
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Source : News Nation Bureau