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Kriti Sanon on female lead films ( Photo Credit : File photo)
कृति सेनन इन दिनों अपनी फिल्म क्रू की सफलता का आनंद ले रही हैं, हाल ही में उन्होंने इंडस्ट्री में बदलाव की जरूरत पर अपनी राय रखी की, ताकि महिला प्रधान फिल्में केंद्र स्तर पर आ सकें. इंडियन सिनेमा में महिलाएं और उनकी कहानियां हमेशा रही हैं, लेकिन कुछ एक्ट्रेसेज और मेकर्स अक्सर इस धारणा से परे जाकर बदलाव लाने की कोशिश करते हैं. करीना कपूर, कृति सेनन और तब्बू की टीम इसका एक एक्जाम्पल हैं. जैसे ही फिल्म बॉक्स ऑफिस पर तेजी से 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर रही है, कृति को लगता है कि स्टारडम ही ऐसी चीज नहीं है जो ऑडियंस को सिनेमाघरों तक खींच सकता है.
कृति सेनन इन्वेस्टर्स और पीओके के बारे में बात की
कृति ने अपने मेल काउंटरपार्ट्स के समान फीमेल लीड फिल्मों में इंवेस्ट करने में लंबे समय से चली आ रही इंडस्ट्री की झिझक पर प्रकाश डाला. इस मुद्दे को संबोधित करते हुए, कृति ने पीटीआई से कहा, “ऑडियंस को थिएटर तक खींचने के लिए एक फिल्म का नेतृत्व एक आदमी द्वारा किया जाना जरूरी नहीं है. काफी लंबे समय से, लोगों ने मेल लीड फिल्मों की तरह फीमेल ओरिएंटेड फिल्मों को अपनाने का जोखिम नहीं उठाया है. उन्हें लगता है कि ऑडियंस थिएटर नहीं आएंगे और उन्हें पैसे नहीं मिलेंगे.
कृति सेनन गंगूबाई काठियावाड़ी से समानता रखती हैं
संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित और आलिया भट्ट अभिनीत 2022 की हिट के बारे में बात करते हुए, कृति ने एक फीमेल लीड पर केंद्रित बड़े पैमाने की प्रोजेक्ट्स होने के बावजूद क्रिटिकल और प्रोफेशनली सक्सेज के बार में बात की. बता दें, कृति और आलिया भट्ट को मिमी और गंगूबाई काठियावाड़ी में उनकी भूमिकाओं के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है. कृति ने मेकर्स से फीमेल लीड फिल्मों में उतना ही इंवेस्टमेंट करने का रिक्वेस्ट किया, जितना उन्होंने शाहरुख खान की डंकी में किया था.
Source : News Nation Bureau