Silent Movies Of Bollywood: पहली भारतीय फिल्म में नहीं थी आवाज, जानें सिनेमा जगत में बनी मूक फिल्मों के नाम

19वीं शताब्दी के अंत में जब सिनेमा का जन्म हुआ, तब फिल्मों में आवाज नहीं होती थी. इनमें राजा हरिश्चंद्र (Raja Harishchandra) , भक्त प्रह्लाद , सत्यवान सावित्री , लंका दहन (Lanka Dehen) , वीर अभिमन्यु जैसी कई फिल्मों के नाम शामिल हैं.

19वीं शताब्दी के अंत में जब सिनेमा का जन्म हुआ, तब फिल्मों में आवाज नहीं होती थी. इनमें राजा हरिश्चंद्र (Raja Harishchandra) , भक्त प्रह्लाद , सत्यवान सावित्री , लंका दहन (Lanka Dehen) , वीर अभिमन्यु जैसी कई फिल्मों के नाम शामिल हैं.

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Divya Juyal
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Silent Movies Of Bollywood( Photo Credit : social media)

Silent Movies Of Bollywood: सिनेमा जगत में मूक फिल्मों का एक लंबा और समृद्ध इतिहास रहा है. 19वीं शताब्दी के अंत में जब सिनेमा का जन्म हुआ, तब फिल्मों में आवाज नहीं होती थी. इनमें राजा हरिश्चंद्र (Raja Harishchandra) , भक्त प्रह्लाद , सत्यवान सावित्री , लंका दहन (Lanka Dehen) , वीर अभिमन्यु जैसी कई फिल्मों के नाम शामिल हैं. यहाँ कुछ प्रसिद्ध मूक फिल्मों के नाम दिए गए हैं और उनके बारे में अधिक जानकारी भी दी गई है. 

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भारतीय मूक फिल्में:

राजा हरिश्चंद्र (1913): दादासाहेब फाल्के द्वारा निर्देशित यह भारत की पहली पूर्ण-लंबाई वाली फिल्म थी. यह फिल्म राजा हरिश्चंद्र की कहानी पर आधारित थी.
भक्त प्रह्लाद (1913): दादासाहेब फाल्के द्वारा निर्देशित यह फिल्म भक्त प्रह्लाद की कहानी पर आधारित थी.
सत्यवान सावित्री (1914): दादासाहेब फाल्के द्वारा निर्देशित यह फिल्म सावित्री और सत्यवान की कहानी पर आधारित थी.
मोहिनी भस्मासुर (1913): दादासाहेब फाल्के द्वारा निर्देशित यह फिल्म मोहिनी और भस्मासुर की कहानी पर आधारित थी.
लंका दहन (1917): धुंडिराज गोविन्द फाल्के द्वारा निर्देशित यह फिल्म रावण और राम की कहानी पर आधारित थी.
कृष्ण जन्म (1918): ज्योतिष चंद्र द्वारा निर्देशित यह फिल्म भगवान कृष्ण के जन्म की कहानी पर आधारित थी.
वीर अभिमन्यु (1922): चंदुलाल शाह द्वारा निर्देशित यह फिल्म महाभारत के वीर योद्धा अभिमन्यु की कहानी पर आधारित थी.
सुदामा (1924): भवानी भट्ट द्वारा निर्देशित यह फिल्म भगवान कृष्ण और सुदामा की कहानी पर आधारित थी.

अन्य देशों की मूक फिल्में:

A Trip to the Moon (1902): जॉर्ज मेलिएस द्वारा निर्देशित यह फ्रांसीसी मूक फिल्म एक कल्पनिक चांद यात्रा पर आधारित थी.
The Great Train Robbery (1903): एडविन एस. पोर्टर द्वारा निर्देशित यह अमेरिकी मूक फिल्म एक डकैती पर आधारित थी.
The Cabinet of Dr. Caligari (1920): रॉबर्ट विन द्वारा निर्देशित यह जर्मन मूक फिल्म एक हॉरर फिल्म थी.
Nosferatu (1922): F.W. Murnau द्वारा निर्देशित यह जर्मन मूक फिल्म ड्रैकुला की कहानी पर आधारित थी.
The Battleship Potemkin (1925): Sergei Eisenstein द्वारा निर्देशित यह सोवियत मूक फिल्म एक क्रांति पर आधारित थी.
Metropolis (1927): Fritz Lang द्वारा निर्देशित यह जर्मन मूक फिल्म एक भविष्यवादी फिल्म थी.
City Lights (1931): Charlie Chaplin द्वारा निर्देशित यह अमेरिकी मूक फिल्म एक रोमांटिक कॉमेडी थी.
निष्कर्ष:

मूक फिल्मों ने सिनेमा जगत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इन फिल्मों ने दर्शकों को मनोरंजन और शिक्षा प्रदान की. मूक फिल्मों ने सिनेमा की भाषा और तकनीक को विकसित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया.

यह सिर्फ मूक फिल्मों का एक छोटा सा नमूना है. सिनेमा जगत में कई और प्रसिद्ध मूक फिल्में बनी हैं.

Source : News Nation Bureau

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