Birthday Special : गांव में मिमिक्री करने वाले लड़के ने जीता फिल्मफेयर अवॉर्ड, जानें कौन है वो शख्स

आज तनु वेड्स मनु के 'पप्पी जी' का जन्मदिवस है. दीपक डोबरियाल आज 47 के हो गए है. तनु वेड्स मनु रिटर्न्स ने उन्हें इंडस्ट्री में एक जबरदस्त कॉमिक करेक्टर की पहचान दी. आज हम आपको बताने वाले हैं कि कैसे गांव का दीपक बॉलीवुड में दीपक डोबरियाल बन गया.

आज तनु वेड्स मनु के 'पप्पी जी' का जन्मदिवस है. दीपक डोबरियाल आज 47 के हो गए है. तनु वेड्स मनु रिटर्न्स ने उन्हें इंडस्ट्री में एक जबरदस्त कॉमिक करेक्टर की पहचान दी. आज हम आपको बताने वाले हैं कि कैसे गांव का दीपक बॉलीवुड में दीपक डोबरियाल बन गया.

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Pallavi Tripathi
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दीपक डोबरियाल की कहानी( Photo Credit : Social Media)

आज तनु वेड्स मनु के 'पप्पी जी' का जन्मदिवस है. दीपक डोबरियाल आज 47 के हो गए है. तनु वेड्स मनु रिटर्न्स ने उन्हें इंडस्ट्री में एक जबरदस्त कॉमिक करेक्टर की पहचान दी. लोग आज भी उन्हें दीपक नाम से कम और पप्पी जी के नाम से ज्यादा जानते हैं. लेकिन गांव से निकलकर बॉलीवुड में अभिनेता बनने तक की उनकी राह आसान नहीं थी. कैसे एक गांव का दीपक बॉलीवुड में दीपक डोबरियाल बन गया.

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स्कूल में अभिनय किया करते थे दीपक
उत्तराखंड के सतपुली गांव में दीपक का जन्म हुआ महज पांच साल की उम्र से दिल्ली के मुनिरका में रहने आ गए थे. उनकी पूरी शिक्षा दिल्ली से ही हुई. वह अक्सर दोस्तों के पीछे उनकी एक्टिंग किया करते थे। बात 11वीं क्लास की है, दीपक बताते हैं "जब वह स्कूल के प्रेयर ग्राउंड में लड़कों की अटेंडेंस लिया करते थे. अटेंडेंस लेने वाले लड़कों की स्कूल में अलग पहचान हुई करती थी। मुझे स्कूल में दूसरे बच्चों से ज्यादा अटेंशन मिलने लगी थी. मेरे हाव-भाव बदलने लगे थे. तभी से उन्हें पहली बार लगा कि वह एक्टिंग भी कर सकते हैं."

परिवार ने दीपक को एक्टिंग करने से किया था मना
दीपक डोबरियाल एक मध्यवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते थे. जब उन्होंने अपने परिवार में एक्टिंग करने की बात कही तो सभी ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया. दरअसल, उनके साथ पढ़ने वाले अधिकतर लड़के अच्छी खासी नौकरी करने लगे थे और दीपक की सरकारी नौकरी करनी की उम्र निकलती जा रही थी. इतना ही नहीं उनके परिवार के लोग अक्सर उनके पिता को ताना भी मारा करते थे. कुछ तो ये तक कह देते थे कि 'दाढ़ी बढ़ाकर बैजू बावरा बना फिरता है'. दीपक ने अपने इंटरव्यू में एक बार बताया था कि लोगों को यहां तक लगने लगा था कि मैं कुछ नहीं करने वाला.

2003 में मिला पहला रोल
दिल्ली में थियेटर करने के बाद दीपक ने मुंबई का रुख कर लिया. उन्हें पहला ब्रेक साल 2003 में विशाल भारद्वाज की फिल्म 'मकबूल' में मिला. इसमें उन्होंने 'थापा' नाम के शख्स का किरदार निभाया था. इसके बाह उन्हें 'चरस' और 'ब्लू अम्ब्रेला' जैसी फिल्मों में छोटे लेकिन असरदार रोल करने का मौका मिला.

आया नया मोड़
साल 2006 में  रिलीज हुई फिल्म ओमकारा में दीपक ने राजन तिवारी का रोल किया था. इस फिल्म में अपनी अदाकारी से वो पहली बार लोगों की नजर में आए. इस फिल्म में उनके रोल के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला. दीपक को अब इंडस्ट्री में लोग पहचानने लगे थे.

तनु वेड्स मनु ने बनाया स्टार
साल 2011 में आई फिल्म 'तनु वेड्स मनु' ने दीपक की किस्मत बदल दी. इस फिल्म में दीपक का एक-एक डायलॉग वायरल होने लगा. लोग आज भी उन्हें पप्पी जी के नाम से जानते हैं. इस फिल्म के बाद उन्हें  'दबंग 2' में विलेन गेंदा का यादगार रोल करने को मिला. आज दीपक डोबरियाल बॉलीवुड में अपनी बेहतरीन एक्टिंग के बल पर पहचान बनाने वाले कलाकारों में से एक हैं.

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