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किशोर कुमार की पुण्यतिथि : ये हैं किशोर दा के कुछ अनसुने किस्से

चलिए आज हम आपको बताते हैं उनकी जिंदगी के कुछ किस्से जिन्हें आप शायद ही जानते होंगे.

Updated on: 13 Oct 2021, 09:10 AM

नई दिल्ली :

किशोर कुमार. एक ऐसा नाम जिसे सुनकर बस यही याद आता है कि वो जमाना भी क्या जमाना था. जी. जब किशोर दा के नए नए गीत सुनने को मिलते थे. कौन दीवाना नहीं होगा किशोर दा का. हम सभी है. और आज 13 अक्टूबर की बात करें तो आज से 34 साल पहले किशोर दा हमें छोड़ के चले गए थे. जी. साल था 1987 जब उनका निधन हुआ था. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं उनकी जिंदगी के कुछ किस्से जिन्हें आप शायद ही जानते होंगे, जो मजेदार भी है.

जब किशोर कुमार को साउंड रिकॉर्डिस्ट ने कर दिया था गाने से अचानक बाहर
साउंड रिकॉर्डिस्ट थे रॉबिन चटर्जी. वो मशीनों पर बैठे हुए थे. गाना गा रहे थे आशा भोसले और किशोर कुमार. जैसे ही गाना शुरू किया तो रॉबिन चटर्जी अपने कमरे से भागते हुए आए और बोले कि गाना रोक दो. साथ ही कहा कि आप दोनों सिंगर्स अच्छे नहीं है. इन दोनों की जगह किसी और सिंगर्स को लाना पड़ेगा. फिर दोनों गाने से बाहर हो गए.जिसके बाद किशोर दा ने माइक छोड़ा और बाहर आ गए.

जब किशोर दा के साथ लता मगेंशकर ने मना किया गाने से
एक समय ऐसा भी आया कि लता दीदी ने किशोर दा के साथ गाने से मना कर दिया था. जी हां. दरअसल किशोर दा जब भी आते थे तो वो लता मंगेशकर से खूब बात करते थे. फिर किशोर कुमार जोक सुनाने लगते. लता मंगेशकर उनके जोक्स पर खूब हसंती. फिर होता ये कि लता दी की आवाज़ थक जाती और वहीं किशोर दा खुद गाना गाकर घर चले जाते. लता मंगेशकर एक दिन इतनी नाराज़ हुई कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि 'मैं किशोर दा के साथ नहीं गाउंगी।,


आधी फीस तो मेकअप भी आधा
किशोर दा अच्छे इंसान के साथ-साथ एक मजेदार इंसान भी थे. कब क्या बोल बैठें कोई नहीं जानता था. एक बार क्या हुआ कि एक प्रोड्यूसर ने उनको सिर्फ आधी फीस दी तो किशोर दा सेट पर आधा मेकअप ही करके ही चले साथ ही कहा कि आधी फीस तो मेकअप. 

ओ तलवार, देदे मेरे 8 हजार
एक बार ऐसा हुआ कि फेमस प्रोड्यूसर आरसी तलवार ने किशोर दा के 8 हजार रुपये नहीं दिए तो किशोर दा उनके घर पहुंच गए. और जोर-जोर से बोलने लगे कि 'ओ तलवार, दे दे मेरे 8000'.

दिल खोलकर करते थे मदद
एक फिल्म 'दाल में काला' पैसों की कमी की वजह से बंद हो गई थी. औऱ जब इसका किशोर दा को पता चला तो वो प्रोड्यूसर के घर पैसे से भरा ब्रीफकेस लेकर पहुंच गए. और बोले कि ये लो पैसे जल्दी से फिल्म शुरू करो.

तो ये थे वो कुछ चंद किस्से. किशोर दा आज भी हमारे साथ हैं. उनकी आवाज सदा हमारे साथ रहेगी और हम सभी से यही कहती रहेगी.
चलते चलते मेरे यह गीत याद रखना 
कभी अलविदा ना कहना