अभिनेता, गायक, लेखक, कंपोजर, निर्माता और निर्देशक.. तमाम खासियत एक शख्स में, जी हां यहां बात हो रही है बॉलीवुड के सदाबहार किशोर कुमार की। आज उनकी 88वीं बर्थ एनिवर्सरी है। 'जिंदगी एक सफर है सुहाना', 'एक लड़की भीगी भागी सी', 'मेरे महबूब कयामत होगी', 'फिर सुहानी शाम ढली', 'आने वाला पल', 'मेरे दिल में आज क्या है..' समेत तमाम हिट गाने देने वाले किशोर आज भी अपनी आवाज के जरिए सभी के दिलों में जिंदा हैं। इस खास मौके पर सुनिए उनके हिट गाने...
1. जिंदगी एक सफर है सुहाना
किशोर कुमार मौसिकी की दुनिया के वो फनकार थे, जिन्होंने 40 साल तक अपनी सदाबहार आवाज से फिल्मों को गुलजार किया। जिनकी गायकी की खासियत थी..हरफ़नमौला अंदाज़। जिसकी नकल करने की कोशिशें तो खूब हुईं, लेकिन कोई भी कामयाब नहीं हो सका। साल 1971 में आई फिल्म 'अंदाज' का गाना 'जिंदगी एक सफर है सुहाना' आज भी सदाबहार है।
2. मेरे सपनों की रानी
1969 में रिलीज हुई ब्लॉकबस्टर फिल्म 'अराधना' का गाना 'मेरे सपनों की रानी' लोगों को आज भी खूब पसंद है।
3. मेरे सामने वाली खिड़की में
ये किशोर कुमार की सदाबहार आवाज का जादू है कि आज भी दुनिया उनके गीतों को गुनगुनाती है। उन्होंने न सिर्फ अपनी गायकी से हिन्दी फिल्मों को बुलंदियों पर पहुंचाया बल्कि कई क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी आवाज दी। 1968 में आई सुपरहिट कॉमेडी फिल्म 'पड़ोसन' का गाना 'मेरे सामने वाली खिड़की में' लोग खूब गुनगुनाते हैं।
4. रूप तेरा मस्ताना
किशोर कुमार को पहली बार 1948 में बनी फिल्म 'जिद्दी' में गाने का मौका मिला। इसमें उन्होंने देव आनंद के लिए गाना गाया था। 1940 से 1980 के बीच के अपने करियर के दौरान उन्होंने 574 से ज्यादा गाने गाए। बंगाली, मराठी, असमिया, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया और उर्दू सहित कई भाषाओं में गाया था। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए 8 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते।
5. सागर किनारे
उस दौर में शायद ही कोई संगीतकार ऐसा था, जो किशोर से गाने गवाने की हसरत ना रखता हो। किशोर की आवाज उन सबकी जरुरत बन चुकी थी। वह संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के भी फेवरेट गायक थे। 1985 में रिलीज हुई फिल्म 'सागर' का गाना 'सागर किनारे' को लोगों ने काफी पसंद किया।