अभिनेता, गायक, लेखक, कंपोजर, निर्माता और निर्देशक..एक ऐसी हरफनमौला शख्सियत जिनकी दुनिया आज भी दीवानी है। आज बॉलीवुड की सदाबहार शख्सियत किशोर कुमार की 89 वीं बर्थ एनिवर्सरी (Kishore Kumar Birth Anniversary) है।
'जिंदगी एक सफर है सुहाना', 'एक लड़की भीगी भागी सी', 'मेरे महबूब कयामत होगी', 'फिर सुहानी शाम ढली', 'आने वाला पल', 'मेरे दिल में आज क्या है' समेत तमाम हिट गाने आज भी सभी के दिलों में ज़िंदा है।
किशोर कुमार (Kishore Kumar) का नाम 70-80 दशक के सबसे महंगे गायकों की फेहरिस्त में शामिल है। किशोर कुमार की आवाज़ के साथ उनका अभिनय किरदार में जान भरने का काम करती थी।
ऐसा कहा जाता है कि राजेश खन्ना के सुपरस्टार बनने में उनके अभिनय के साथ किशोर दा की दमदार आवाज़ की भी अहम भूमिका है। किशोर कुमार ने दो और महानयकों के सितारों को बुलंदियों पर ले जाने का काम किया। देव आनंद और अमिताभ बच्चन किशोर दा की आवाज़ के जादू से भी बुलंदियों पर पहुंचे।
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किशोर कुमार की बर्थ एनिवर्सरी पर सुनें सदाबहार गानें-
1. 'कुदरत' फिल्म का सुपरहिट गाना 'हमे तुमसे प्यार कितना' का खुमार आज भी लोगों के दिलों पर छाया हुआ है। 1981 में आई 'कुदरत' फिल्म के गाने में किशोर दा ने अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा है। इस गाने के फीमेल वर्जन में परवीन सुल्तान ने अपनी आवाज़ दी है। आज इस गाने के कई वर्जन बनाये गए है।
2. कलाकार फिल्म का गाना 'नीले नीले अंबर' आपको आज भी गुनगुनाने पर मजबूर कर देगा। इस गाने को कल्याणजी और आनंदजी ने कम्पोज किया है। यह गाना किशोर दा के हिट गानों में शुमार है।
3. राजेश खन्ना और वहीदा रेहमान की सुपरहिट जोड़ी का जादू 1970 में आई फिल्म 'ख़ामोशी' के गाने में खूब चला था। 'वो शाम कुछ अजीब थी' को हेमंत कुमार ने कम्पोज किया वहीं इस गाने के बोल गुलज़ार साब ने अपनी कलम से उतारे
4. फिल्म 'अराधना' का 'मेरे सपनों की रानी' जब भी कभी कानों में पड़ता है, तो इस गाने को बिना गुनगुनाये नहीं रहा जाता। राजेश खन्ना और शर्मीला टैगोर की सुपरहिट जोड़ी ने इस गाने में चार चांद लगाने का काम किया।
5. 1973 में आई फिल्म 'ब्लैकमेल' का मशहूर 'पल पल दिल के पास' गाना आज भी हिट लिस्ट में शुमार है। कल्याणजी और आनंद जी द्वारा कंपोज़ किये इस गाने के बोल राजेंद्र कृष्ण ने लिखे है।
6. 1979 में फिल्म 'मंज़िल' का गाना 'रिमझिम गिरा सावन'। बारिश के दिनों में यह गाना गुनगुनाए के लिए एक दम परफेक्ट है।
7. किशोर कुमार की सदाबहार आवाज का जादू है कि आज भी दुनिया उनके गीतों को गुनगुनाती है। उन्होंने न सिर्फ अपनी गायकी से हिन्दी फिल्मों को बुलंदियों पर पहुंचाया बल्कि कई क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी आवाज दी। 1968 में आई सुपरहिट कॉमेडी फिल्म 'पड़ोसन' का गाना 'मेरे सामने वाली खिड़की में' लोग खूब गुनगुनाते हैं।
8. किशोर कुमार को पहली बार 1948 में बनी फिल्म 'जिद्दी' में गाने का मौका मिला। इसमें उन्होंने देव आनंद के लिए गाना गाया था। 1940 से 1980 के बीच के अपने करियर के दौरान उन्होंने 574 से ज्यादा गाने गाए। बंगाली, मराठी, असमिया, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया और उर्दू सहित कई भाषाओं में गाया था। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए 8 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते।
9. उस दौर में शायद ही कोई संगीतकार ऐसा था, जो किशोर से गाने गवाने की हसरत ना रखता हो। किशोर की आवाज का जादू गाने में जान डाल देता था। 1958 में आई 'चलती का नाम गाड़ी' का गाना 'एक लड़की भीगी भागी सी' के बोल मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा है वही एस डी बर्मन ने इस गाने को कंपोज़ किया है।
10. फिल्म 'सत्ते पे सत्ता' का 'दिलबर मेरे कब तक मुझे' गाने में किशोर दा ने अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा है
Source : News Nation Bureau