logo-image

उद्धव ठाकरे के ड्रग कमेंट पर भड़कीं कंगना रनौत, कहा- शर्म आनी चाहिए

सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के इस बयान पर अब कंगना का मुखर रूप एक बार फिर देखने को मिला. कंगना (Kangana Ranaut) ने सीएम की इन बातों का जवाब एक के बाद एक कई ट्वीट्स के जरिए दिया

Updated on: 26 Oct 2020, 02:10 PM

नई दिल्ली:

बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बीच एक बार फिर सोशल मीडिया पर जुबानी जंग शुरू हो गई है. रव‍िवार को दशहरा रैली में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कंगना रनौत के पीओके (POK) वाले बयान के संदर्भ में कहा था क‍ि कुछ लोग मुंबई को ड्रग्स का हब कहकर बदनाम करने की कोश‍िश कर रहे हैं. इसके साथ ही ठाकरे ने कंगना के होमटाउन हिमाचल प्रदेश को गांजे की खेती करने वाला राज्य बताया था.

सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के इस बयान पर अब कंगना का मुखर रूप एक बार फिर देखने को मिला. कंगना ने सीएम की इन बातों का जवाब एक के बाद एक कई ट्वीट्स के जरिए दिया. कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने लिखा, 'आपको खुद पर शर्म आनी चाहिए मुख्यमंत्री जी. पब्ल‍िक सर्वेंट होकर आप इस तरह के झगड़ों में शामिल हो रहे हैं, अपनी ताकत को खुद की बेइज्जती, नुकसान और लोगों को नीचा दिखाकर जो आपसे सहमत नहीं हैं. आपको वो कुर्सी शोभा नहीं देती जिसपर बैठकर आप गंदी राजनीति कर रहे हैं.'

यह भी पढ़ें: Bigg Boss 14: रुबीना दिलैक ने अविनाश सचदेव से क्यों किया था ब्रेकअप, जानें पूरी कहानी

कंगना ने अगले ट्वीट में लिखा, 'मुख्यमंत्री जी आप बहुत छोटे विचार वाले व्यक्त‍ि हैं, हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है और यहां मंद‍िरों की संख्या सबसे अध‍िक है साथ ही जीरो क्राइम रेट्स, और हां, यहां की जमीन बहुत उपजाऊ है जहां सेब, किवी, अनार, स्ट्रॉबेरी उगाए जाते हैं'.

यह भी पढ़ें: दिशा सालियान मामले में CBI जांच की मांग वाली याचिका पर आज होगी सुनवाई

कंगना ने आगे कहा, 'आपके जैसे नेता जिन्हें इस राज्य के बारे में लेकर तामसिक, अदूरदर्शी और कम जानकारी है, जो भगवान शिव और मां पार्वती का निवास स्थान है. इसके अलावा कई महान संतों जैसे मार्केंडेय, मनु ऋषि और पांडवों ने निर्वासन का लंबा समय हिमाचल में बिताया.'

कंगना ने एक दूसरे ट्वीट में कहा, 'कार्यसेवा में मौजूद मुख्यमंत्री को देख‍िए जो देश को विभाजित करने की कोश‍िश कर रहे हैं, किसने उन्हें महाराष्ट्र का ठेकेदार बनाया? वह केवल जनसेवक हैं, उनसे पहले वहां कोई और था और जल्द ही वह बाहर होंगे और कोई और राज्य की सेवा के लिए आएगा. वह ऐसा क्यों बर्ताव कर रहे हैं जैसे कि वे महाराष्ट्र के माल‍िक हैं.'