Kangana Ranaut (Photo Credit: फोटो- @kanganaranaut Instagram)
नई दिल्ली:
बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) हमेशा चर्चा में रहती हैं. वे अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए जानी जाती हैं. इस बार कंगना (Kangana Ranaut) को महाराष्ट्र की सत्र याचिका से तगड़ा झटका लगा है. दरअसल डिंडोशी स्थित सत्र न्यायालय ने गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत में अंधेरी स्थित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के समक्ष कार्यवाही को चुनौती देने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) द्वारा दायर पुनरीक्षण अर्जी को खारिज कर दिया है. इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसयू बाघले ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले को शनिवार को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया था.
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अपने आपराधिक संशोधन आवेदन में कंगना ने प्रक्रिया जारी करने को चुनौती दी थी, 1 फरवरी 2021 को अंधेरी आरआर खान में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा आदेश की विधिमान्यता और वैधता को पारित किया गया था. कंगना ने अदालत द्वारा उसके खिलाफ जारी जमानती वारंट को रद्द करने की भी मांग की थी. रानौत ने 25 मार्च को मजिस्ट्रेट के पास वारंट रद्द करने की अर्जी दी. कोर्ट ने कंगना द्वारा 20 हजार रुपये जमानत राशि में से 15 हजार रुपये की राशि नकद जमाकर करने उनके वारंट को रद्द कर दिया था.
कंगना की ओर से पेश एडवोकेट रिजवान सिद्दीकी का दावा है कि मजिस्ट्रेट कोर्ट ने किसी भी बयानों को शपथ के साथ रिकॉर्ड नहीं किया है और ये क्रिमिनल प्रोसिजर कोर्ट (CPC) का उल्लंघन है. कम से कम इस वजह से तो कंगना पर एक फरवरी के दिन जारी किए गए समन को निरस्त कर देना चाहिए. रिजवान ने सेशन कोर्ट से मांग की कि वे ऑर्डर जारी करें और मामले से जुड़े कार्यवाही को खत्म करें.
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वहीं जावेद अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने कहा कि सेशन कोर्ट को मजिस्ट्रेट कोर्ट के मामले में दखल नहीं देनी चाहिए. साथ ही जय ने कंगना के वकील द्वारा लगाए गए CPC के नियमों के उल्लंघन के विरोध में कहा कि रूल के मुताबिक बयानों को शपथ के साथ रिकॉर्ड तब ही किया जाता है जब कोई मौजूद हो. भारद्वाज ने मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा कंगना को समन किए जाने के फैसले पर भरोसा जताया है. भारद्वाज के मुताबिक कंगना को शिकायत पर अपना जवाब देने के लिए पर्याप्त समय दिया जा चुका है.