Birthday Special Raj Kapoor: जानिए क्यों राजकपूर की ज्यादातर फिल्मों में एक्ट्रेस पहनती थीं सफेद साड़ी
Birthday Special Raj Kapoor सिर्फ 24 साल की उम्र में ही राजकपूर ने अपना प्रोडक्शन स्टुडियों आर के फिल्म्स की शुरुआत की थी. उनके प्रोडक्शन की पहली फिल्म आग थी. इस फिल्म में उन्होंने डायरेक्टर और एक्टर दोनों की भूमिका निभाई थी.
नई दिल्ली:
Birthday Special Raj Kapoor: आवारा, श्री 420, मेरा नाम जोकर, संगम जैसी कई सुपरहिट फिल्में देने वाले बॉलीवुड के 'शो मैन' राजकपूर (Raj Kapoor) की ज्यादातर फिल्में आज भी लोगों के दिल के करीब हैं. लिजेंडरी एक्टर राजकपुर का जन्म 14 दिसंबर 1924 को पेशावर में हुआ था. उनका पूरा नाम रणवीर राजकपूर था. एक रसूखदार फैमिली से होने के बावजूद उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक क्लैपर बॉय से शुरू की थी.
राजकपूर के पिता पृथ्वी राज कपूर एक जाने माने थियेटर और फिल्म कलाकार थे. शायद इसी वजह से बचपन से ही राजकपूर का फिल्मों की तरफ रूझान ज्यादा था. इसलिए 10 पास किए बगैर ही पढ़ाई को बीच में छोड़ दिया. उनके दोनों भाई शशि कपूर और शम्मी कपूर भी अपने दौर के दिग्गज अभिनेता रहे हैं.
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राजकपूर ने साल 1935 में रिलीज हुई फिल्म इकबाल में बतौर चाइल्ड एक्टर काम किया था. राज कपूर ही पहले ऐसे शख्स हैं जिन्होंने फिल्मों में न्यूड सीन्स देने की शुरुआत की थी. मेरा नाम जोकर और बॉबी जैसी फिल्मों में उन्होंने ऐसे सीन फिल्माए थे. जिसे लेकर उन्हें कंट्रोवर्सी भी झेलनी पड़ी थी.
बचपन से ही राजकपूर को सफेद साड़ी काफी पसंद थी. कहा जाता है कि जब वह छोटे थे तब उन्होंने सफेद साड़ी में एक महिला को देखा और देखते ही उससे प्यार हो गया. शायद इसी वजह से उनकी ज्यादातर फिल्मों एक्ट्रेसेस सफेद साड़ी में नजर आती थीं.
सिर्फ 24 साल की उम्र में ही राजकपूर ने अपना प्रोडक्शन स्टुडियों आर के फिल्म्स की शुरुआत की थी. उनके प्रोडक्शन की पहली फिल्म आग थी. इस फिल्म में उन्होंने डायरेक्टर और एक्टर दोनों की भूमिका निभाई थी. ऐसा भी कहा जाता है कि राजकपूर अपना मेकअप रूम किसी को इस्तेमाल नहीं करने देते थे. सिर्फ देवानंद को ही आने की इजाजत थी.
राजकपूर और देवानंद की काफी अच्छी दोस्ती थी. लेकिन दोनों ही अभिनेता एक्ट्रेस जीनत अमान को काफी पसंद करते थे. अपनी किताब में रोमांसिग विद लाइफ में देवानंद ने इस बात का जिक्र किया था. वह जीनत अमान को प्रपोज करने वाले थे लेकिन बीच में राजकपूर के आ जाने से उन्होंने जीनत अमान से अपने रिश्ते खत्म कर लिए.
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राजकपूर और नर्गिस की जोड़ी को लोग काफी पसंद करते थे. 1940-1960 के दशक में ये पॉपुलर जोड़ियों में से एक थी. फिल्मों के अलावा दोनों ही स्टार्स असल जीवन में भी काफी करीब थे. नर्गिस ने राजकपूर के साथ कुल 16 फिल्में की, जिनमें से 6 फ़िल्में आर.के.बैनर की ही थी. ऐसा भी कहा जाता है कि दोनों एक दूसरे को प्यार करते थे और शादी करने का मन भी बना लिया था. लेकिन अचानक दोनों के बीच कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से दोनों ने अपनी राहें अलग कर दीं. 1956 में आई फ़िल्म 'चोरी चोरी' नर्गिस और राजकपूर की जोड़ी वाली अंतिम फिल्म थी.
राजकपूर को 1971 में पद्मभूषण, साल 1987 में हिंदी सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिला. 1960 में रिलीज हुई उनकी फिल्म अनाड़ी और 1962 कि फिल्म जिस देश में गंगा बहती है के लिए राजकपूर को बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया था.
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