logo-image

पुणे में कांग्रेस के विरोध के बाद 'इंदु सरकार' की प्रेस कॉन्फ्रेंस कैंसिल

कांग्रेस का कहना है कि भंडारकर की फिल्म 'इंदु सरकार' उनके नेताओं के खिलाफ दुष्प्रचार है। इसलिए रिलीज से पहले उन्हें फिल्म दिखाई जानी चाहिए।

Updated on: 15 Jul 2017, 11:57 PM

नई दिल्ली:

मधुर भंडारकर निर्देशित फिल्म 'इंदु सरकार' के लिए मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस ने शनिवार को फिल्म की प्रेस कॉन्फ्रेंस को रुकवा दिया।

मधुर भंडारकर ने खुद यह बात ट्विटर पर शेयर की। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस कार्यकर्ता होटल में घुस गए हैं और हंगामा कर रहे है। मैं और मेरी टीम होटल में कैद हैं। पुणे में होने वाला कार्यक्रम स्थगित।'

इससे पहले मधुर भंडारकर ने कहा, 'ये पूरी तरह से गलत है। इस तरह का विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि फिल्म में 30 प्रतिशत असलियत है और 70 प्रतिशत फिक्शन है। कहानी इमरजेंसी के दौर पर लिखी गयी किताबों और इनसे जुडी डॉक्यूमेंट्री पर आधारित है। मुझे समझ नहीं आ रहा है की कांग्रेस फिल्म को देखने की जिद्द पर क्यों अड़ी है। सेंसर बोर्ड से क्लीयरेंस मिलने के बाद जब फिल्म थिएटर्स में आ जाएगी तब आप फिल्म को जरूर देखे।'

मधुर भंडारकर हमेशा से आलोचनात्मक और हकीकत से जुडी फिल्मे बनाने के लिए जाने जाते है। भंडारकर ने बाकी फिल्म निर्माताओं से अपील की है की वो उनके साथ आए क्यूंकि ये लड़ाई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर है।

वहीँ मुंबई कांग्रेस के प्रेसिडेंट संजय निरुपम ने सेंसर बोर्ड को खत लिख कर मांग की है कि यह फिल्म उनके नेताओं का दुष्प्रचार कर रही है।

संजय ने कहा है कि सेंसर बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन के चेयरमैन पहलाज निहलानी से हमारी मांग है कि फिल्म को सर्टिफिकेट देने से पहले एक बार उन्हें भी दिखाया जाए।

फिल्म 28 जुलाई को रिलीज़ होनी है।

और पढ़े: सेंसर बोर्ड की आपत्ति के बाद ऑनलाइन रिलीज हुआ अमर्त्य सेन पर बनी डॉक्यूमेंट्री का ट्रेलर