फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने कहा कि कांग्रेस सहित सभी लोग जो उनकी रिलीज होने वाली फिल्म 'इंदु सरकार' को लेकर चिंतित हैं, उन्हें 'बेतुकी मांगें' करने की बजाय सरकार द्वारा नियुक्त सेंसर बोर्ड को फैसला लेने देना चाहिए।
भंडारकर की यह प्रतिक्रिया मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम के केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख पहलाज निहलानी को लिखे गए पत्र पर आई है। इसमें निरुपम ने आपातकाल पर आधारित फिल्म को कांग्रेस सदस्यों को दिखाए जाने की मांग की है।
भंडारकर ने सीएनएन-न्यूज18 से शुक्रवार को कहा, 'उन्हें (कांग्रेस को) फिल्म दिखाने का कोई मतलब नहीं है। मुझे पहले फिल्म सीबीएफसी को दिखाना है, उसे फैसला करने दीजिए। हर रोज वहां नाम व नारे बदलने का दबाव रहता है..पहले सेंसर बोर्ड, जो सरकार द्वारा अधिकृत निकाय है, को फैसला करने दीजिए।'
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इंदु सरकार भारत में आपातकाल के दिनों पर आधारित फिल्म है। इस फिल्म के चरित्र दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व उनके बेटे संजय गांधी से प्रेरित हैं।
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निहलानी ने कांग्रेस के लिए फिल्म की स्क्रिनिंग की निरुपम की मांग को अजीब बताया है।
निहलानी ने कहा, 'वह सीबीएफसी से उन्हें फिल्म दिखाए जाने की मांग क्यों कर रहे हैं। यह हमारी संपत्ति नहीं है, जो हम उन्हें दिखाएं। उन्हें इसके लिए निर्माता या निदेशक से कहना चाहिए।'
Source : IANS