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B'day Spl: दशकों बाद आज भी ज़िंदा है पंचम दा की सुरमय विरासत, सुनें आर डी बर्मन के सदाबहार सुपरहिट्स

भारतीय सिनेमा जगत के सबसे लोकप्रिय और मशहूर संगीतकार राहुल देव बर्मन का आज 79 वां जन्मदिन है।

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ruchika sharma
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B'day Spl: दशकों बाद आज भी ज़िंदा है पंचम दा की सुरमय विरासत, सुनें आर डी बर्मन के सदाबहार सुपरहिट्स

आर डी बर्मन

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संगीत की दुनिया में आर डी बर्मन का नाम हमेशा याद रहने वाले नामों में से एक है। भारतीय सिनेमा जगत के सबसे लोकप्रिय और मशहूर संगीतकार राहुल देव बर्मन का आज 79 वां जन्मदिन है।

आर डी बर्मन उर्फ़ पंचम दा की सुरमय विरासत दशकों बाद भी सबके दिलों में जिंदा है। संगीत प्रेमियों की नब्ज पहचानने वाले पंचम दा अत्यधिक प्रतिभाशाली और गुणवान थे

उनके उनके निधन के 24 साल बाद भी उनके संगीत का जादू लोगों के दिलों-दमाग में है और आज भी उनके संगीत के दीवाने हैं।

'यादों की बारात' और 'तुम बिन जाऊं कहां' सरीखे सदाबहार गाने देने वाले पंचम दा ने लता मंगेशकर, किशोर कुमार और आशा भोसले जैसे दिग्गज गायक-गायिकाओं के गानों में संगीत दिया।

27 जून, 1939 को कोलकाता में जन्मे आरडी बर्मन को लोग प्यार से पंचम दा कहते है इस नाम के पीछे भी एक दिलचस्प और खास बात है उनका नाम 'पंचम' इसीलिए रखा गया क्योंकि वह संगीत के पांचवें सुर में ही रोते थे

पंचम दा ने सिर्फ नौ साल की उम्र में 'ऐ मेरी टोपी पलट के आ...' कंपोज़ किया था साल 1956 में आई फिल्म 'फंटूश' में उनके पिता सचिन देव बर्मन ने इसे फिल्म में इस्तमाल किया। आरडी बर्मन को 1966 में आई फिल्म 'तीसरी मंज़िल' से शानदार कामयाब मिली

आर डी बर्मानिया-पंचमेमॉयर्स' किताब लिखने वाले चर्चित फिल्म पत्रकार चैतन्य पादुकोण ने कहा था कि आरडी बर्मन को मिर्ची खाने का शौक था और वह अपने नर्सरी गार्डन में अलग-अलग तरह की मिर्ची उगाते थे।

उन्होंने बताया था कि संगीत निर्माता या निर्देशक के समक्ष चार से पांच विकल्प रखते थे। अगर निर्माता को संगीत की समझ नहीं होती थी, तो स्थिति उलट हो जाती थी। उसी वक्त वह एक बेहतर धुन सुझाते थे।

आर डी बर्मन ने उस्ताद अली अकबर और आशीष खान से कला सीखी थी पंचम दा ने इंडस्ट्री को कई सदाबहार गाने दिए जिनका जादू कई दशकों बाद भी लोगों पर छाया हुआ है

आरडी बर्मन का 1994 में निधन हो गया। वह उस वक्त 54 साल के थे, लेकिन संगीत जगत को दी उनकी सौगात से संगीत प्रेमियों की सभी पीढ़ियों को आज भी प्रेरणा मिल रही है।

पंचम दा के जन्मदिन पर सुने सदाबहार गाने:  

1. 'मेरे जीवन साथी' का मशहूर गाना। इस गाने के लिरिक्स गुलज़ार ने अपनी कलम से उतारे थे। किशोर कुमार ने इस गाने में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा।

2) फिल्म 'आंधी' का 'तुम आ गए हो' गाने के लिरिक्स गुलज़ार ने अपनी कलम से उतारे है। लता मंगेशकर और किशोर कुमार की आवाज़ में यह गाना सुपर हिट गानों की लिस्ट में शुमार है।

3) फिल्म 'गोलमाल' के 'आने वाला पल जाने..' के बोल गुलज़ार की कलम से उतरे हैं। इस गाने में किशोर कुमार ने पनि आवाज़ का जादू बिखेरा है।

4) फिल्म 'घर' के इस गाने में लता मंगेशकर ने अपनी आवाज़ दी है। वहीं इस गाने के बोल गुलज़ार ने लिखे है।

5) 1979 में आई फिल्म 'मंज़िल' का 'रिम झिम..' गाना

6) फिल्म 'महबूबा' के इस गाने के बोल आनंद बक्शी ने लिखे है। किशोर कुमार और लता मंगेशकर की आवाज़ में यह गाना आज भी सुपर हिट है।

7) फिल्म 'आंधी' का 'तुम आ गए हो नूर आ गया है' गाना

8) फिल्म 'इजाज़त' का 'कतरा कतरा मिलती है कतरा कतरा जीने को'

9) किशोर कुमार और लता मंगेशकर की आवाज़ में 'तेरे बिना ज़िंदगी से कोई शिकवा तो नहीं'

10) फिल्म 'अमर प्रेम' का सदाबहार गाना 'कुछ तो लोग कहेंगे'

11) 'चुरा लिया है तुमने' गाने के लिए पंचम दा ने गिलास और चम्मच बजाकर म्यूज़िक निकाला था। आशा भोसले और मोहम्मद रफ़ी की आवाज़ में यह सुपर हिट गाना आज भी लोगों की जुबां पर है।

बतौर संगीतकार राहुल देव बर्मन फिल्मफेअर अवॉर्ड्स के लिए 17 बार नॉमिनेट हुए, लेकिन उन्हें तीन बार, 'सनम तेरी कसम', 'मासूम' और '1942: ए लव स्टोरी' के लिए ही यह अवॉर्ड मिला।

Source : News Nation Bureau

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