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1962 चीन युद्ध में 72 घंटे तक जगे रहकर ढेर किए थे 300 दुश्मन सैनिक, शहादत के बाद भी कर रहा है देश की सुरक्षा

इस फिल्म में सेना के अमर जवान जसवंत सिंह रावत की कहानी है.

Updated on: 22 Dec 2018, 01:37 PM

नई दिल्ली:

नए साल की शुरूआत के साथ ही देश में दो ऐसी फिल्में रिलीज होने वाली हैं, जिसे देखकर आपको दुख तो होगा.. लेकिन यकीन मानिए आपका सीना गर्व से चौड़ा होकर 60 इंच का हो जाएगा. देश के वीर जवानों पर बन रही दो फिल्में Uri और 72 Hours अगले साल जनवरी महीने में रिलीज हो रही हैं. Uri: The Surgical Strike की रिलीजिंग डेट 11 जनवरी 2019 है तो वहीं 72 Hours: Martyr Who Never Died 18 जनवरी को रिलीज होगी.

फिल्म Uri बीते साल पाकिस्तान पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक पर आधारित है तो वहीं 72 Hours सेना के उस जवान की गौरव गाथा है, जिसने 1962 भारत-चीन युद्ध में दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे. जी हां, इस फिल्म में सेना के अमर जवान जसवंत सिंह रावत की कहानी है. जसवंत ने भारत-चीन युद्ध में 300 चीनी सैनिकों को अकेले ढेर कर दिया था.

मरणोपरांत महावीर चक्र पाने वाले जसवंत गढ़वाल राइफ़ल्स के जवान थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि शहीद होने के बाद भी जसवंत सिंह आज भी भारतीय सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं. जसवंत सिंह अरुणाचल प्रदेश के नूरानांग भारत माता की सेवा के दौरान शहीद हो गए थे. आज के समय में नूरानांग में जसवंत सिंह गढ़ नाम का एक मेमोरियल है, जहां सेना के जवान उनकी वर्दी और खाना लेकर जाते हैं. इतना ही नहीं भारतीय सेना पूरी प्रक्रिया के अनुसार ही उनका प्रमोशन भी करती है.

साल 1962 में चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश पर कब्जा करने के लिए हमला किया था. लेकिन जसवंत के बुलंद इरादों और सेवा भाव ने चीनियों की एक नहीं चलने दी और मरते दम तक धरती की सुरक्षा करते रहे. ये कहने में कोई बुराई नहीं होनी चाहिए कि आज यदि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है तो इसमें जसवंत सिंह रावत का सबसे बड़ा योगदान रहा है.

यहां देखें फिल्म 72 Hours का ट्रेलर-