तो सिर्फ इस वजह से आशा भोसले को बनानी थी लता मंगेशकर से अलग पहचान

गायिका ने गीतकार, पटकथा लेखक और समिट के मेंटर प्रसून जोशी के साथ 'इन आंखों की मस्ती के' नामक सत्र में अपनी संगीत और जीवन से जुड़े अनुभवों को साझा किया.

गायिका ने गीतकार, पटकथा लेखक और समिट के मेंटर प्रसून जोशी के साथ 'इन आंखों की मस्ती के' नामक सत्र में अपनी संगीत और जीवन से जुड़े अनुभवों को साझा किया.

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Vivek Kumar
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तो सिर्फ इस वजह से आशा भोसले को बनानी थी लता मंगेशकर से अलग पहचान

Asha Bhosle( Photo Credit : File Photo)

आशा भोसले जब छोटी थीं, तब उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें अपनी बड़ी बहन लता मंगेशकर से हट कर अपनी अलग गायन शैली बनानी है. हमेशा से पश्चिमी संगीत और कैमरन मिरिंडा जैसे गायकों में रुचि रखने वाली आशा भोसले ने हमेशा उनकी तरह गाने की कोशिश की. वह अपने शास्त्रीय संगीत के प्रशिक्षण से हट के अलग तरीके से विभिन्न धुनों में नए प्रयोग करने की कोशिश करती रहती थी.

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यहां शनिवार को रेमंड एमटीवी इंडिया म्यूजिक समिट में उपस्थित होने के दौरान दिग्गज गायिका ने बताया कि उनके इसी शास्त्रीय और पश्चिमी कंपोजिशन के प्रयास ने उन्हें विश्व संगीत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने की प्रेरणा दी.

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गायिका ने गीतकार, पटकथा लेखक और समिट के मेंटर प्रसून जोशी के साथ 'इन आंखों की मस्ती के' नामक सत्र में अपनी संगीत और जीवन से जुड़े अनुभवों को साझा किया.

गायिका ने कहा, "किसी भी इंसान के जीवन का सबसे बड़ा निर्धारक आवश्यकताएं होती हैं. जरूरत ने ही मुझे मिलने वाले हर तरह के गीत को गाने के लिए मजबूर किया. किसी भी तरह का गाना मेरे लिए 'भगवान' की तरह है. मैंने, सुनिश्चित किया कि मैं मुझे मिलने वाले गानों में अपनी चमक छोड़ पाऊं."

Source : News Nation Bureau

Lata Mangeshkar Asha Bhosle
      
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