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आज सलमान खान की जगह होते पीयूष मिश्रा, 'मैनें प्यार किया' को कर दिया था रिजेक्ट

पीयूष ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से सही मायनों में पहचान मिली.

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Vivek Kumar
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आज सलमान खान की जगह होते पीयूष मिश्रा, 'मैनें प्यार किया' को कर दिया था रिजेक्ट

पीयूष मिश्रा

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आज मैंने फिर जज्बात भेजे, आज तुमने फिर अल्फाज ही समझे जैसी कई लाइने लिखने वाले गीतकार,शायर व अभिनेता पीयूष मिश्रा का आज जन्मदिन है. 13 जनवरी 1963 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्में पीयूष को उनके पिता प्रियाकान्त शर्मा की बड़ी बुआ ने गोद लिया था. पीयूष को बचपन से ही सिंगिंग और एक्टिंग का शौक था. इस शौक ने उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा पहुंचा दिया. पीयूष ने कई साल थिएटर शोज किए. अगर फिल्मी करियर के बारे में बात करें तो उन्हें पहला ब्रेक 1998 में रिलीज हुई शाहरुख खान की फिल्म 'दिल से' मिला था. इस फिल्म में वह एक सीबीआई इन्वेस्टीगेशन ऑफिसर की भूमिका में नजर आए थे.

पीयूष (Piyush Mishra) ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से सही मायनों में पहचान मिली. मैंने नहीं सोचा था कि मुझे इतनी लोकप्रियता मिलेगी. मैं यह सोचकर आया था कि परिवार का पेट पल जाएगा, लेकिन जिंदगी में बहुत कुछ मिला.

आपको जानकर हैरानी होगी कि पीयूष मिश्रा को सलमान खान और भाग्यश्री स्टारर सुपरहिट फिल्म 'मैंने प्यार किया' ऑफर हुई थी लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दी थी. फिल्म के डायरेक्टर सूरज बड़जात्या उन्हें लांच करने वाले थे जिसके लिए उन्होंने कई बार पीयूष को बुलाया भी था लेकिन वो गए नहीं. जिसके बाद सलमान खान ने वो भूमिका निभाई. ये सलमान की पहली फिल्म थी.

अब तक पीयूष ने कई फिल्मों में काम किया जिनमें दिल से, मकबूल, एक दिन 24 घंटे, दीवार, झूम बराबर झूम, गुलाल,तेरे बिन लादेन, लफंगे परिंदे,लाहोर ,भिन्डी बाजार, रॉकस्टार, तमाशा, हैप्पी भाग जाएगी, हैप्पी फिर भाग जाएगी, पिंक,संजू जैसी शानदार फिल्में हैं.

बता दें कि पीयूष मिश्रा पर केतकी जोशी नाम की महिला ने सेक्शुअल हैरसमेंट का आरोप भी लगाया था. इस पर पीयूष मिश्रा ने अपना पक्ष रखते हुए माफी मांगी थी.

आज उनके जन्मदिन पर पढ़िए पीयूष द्वारा लिखी गई कुछ लाईनें..

इंसान खुद की नजर में सही होना चाहिए, दुनिया तो भगवान से भी दुखी है

रातों को चलती रहती हैं मोबाइल पे उंगलियां, सीने पे किताब रख के सोए काफी अरसा हो गया.

एक छोटी सी गुजारिश है बंधु, अपने लेफ्ट और राईट के चक्कर में बस अपने देश को ना भूल जाना.

इलायची के दानों सा मुकद्दर है अपना. महक उतनी ही बिखरी, पीसे गए जितना.

Source : News Nation Bureau

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