गोविंदा के बड़े भाई कीर्ति आहूजा ने डंपी को गोद लिया था और वो उनका इकलौता बेटा था. डंपी भी फ़िल्म निर्देशन के क्षेत्र में थे. डंपी का असली नाम जनमेंद्र आहूजा था लेकिन फ़िल्म महकमे के लोग उन्हें डंपी बुलाया करते थे. जन्मेंद्र आहूजा को उनके पिता कीर्ति कुमार ने अपने घर काम करने वाले महेंद्र और लाली से लीगली गोद लिया था.
जन्मेंद्र ने फिल्मों के निर्देशन को अपना पेशा चुना था, वह गीतकार भी थे. उन्होंने गोविंदा के साथ 'जहां जायेगा हमें पाएगा' फिल्म का निर्देशन किया था और 'प्यार दीवाना होता है' जैसी फिल्म के गीत लिखे थे.
खबरों की मानें तो जब डंपी को दिल का दौरा पड़ा तो वह अपने मुंबई के वर्सोवा में घर पर ही थे. सुबह अचानक उनके सीने में तेज दर्द उठा, जिसके बाद वह गिर पड़े. उन्हें घर के नजदीक अस्पताल पहुंचने के दौरान ही उनकी मौत हो गई. फिलहाल उनकी बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.
Source : News Nation Bureau