बॉलीवुड के साथ राजनीतिक गलियारों में भी निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' चर्चा का विषय बनी हुई है। 'पद्मावती' को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुजरात के सूरत में 'पद्मावती' फिल्म को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ''पद्मावती' पर सेंसर बोर्ड को ही फैसला करने दें।'
इस दौरान वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान किये गए कार्य का भी जिक्र किया।
और पढ़ें: 'पद्मावत' के रचनाकार मलिक मुहम्मद जायसी का खिलजी से था विशेष नाता, जानें 10 अन्य तथ्य
दरअसल, 30 नवबंर को भंसाली को संसदीय समिति के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया था। इस कमेटी को बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर लीड कर रहे थे।
बता दें फिल्म 'पद्मावती' पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लग रहे हैं। दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह जैसे सितारों से सजी फिल्म की रिलीज डेट टलने से फिल्म की कास्ट और मेकर्स काफी परेशान हैं। पहले यह फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज हो रही थी, लेकिन अब इसे लेकर सस्पेंस बरकरार है।
राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में राजपूत और करणी सेना 'पद्मावती' का लगातार विरोध कर रही है। करणी सेना व अन्य राजपूत समुदाय फिल्म को बैन करने की मांग कर रहे हैं।
और पढ़ें: FLASHBACK: अमिताभ का उड़ाया मजाक, फिर देना पड़ा राजेश खन्ना से भी दमदार किरदार
HIGHLIGHTS
- इस दौरान वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान किये गए कार्य का भी जिक्र किया
- 30 नवबंर को भंसाली को संसदीय समिति के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया था
- रिलीज डेट टलने से फिल्म की कास्ट और मेकर्स काफी परेशान हैं
Source : News Nation Bureau