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फिल्म थिएटर में विरोध करते हुए कश्मीरी महिला( Photo Credit : https://twitter.com)
साल 1989 के उत्तरार्ध और 1990 की शुरुआत में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म 'शिकारा' की एक स्पेशल स्क्रीनिंग शुक्रवार को रखी गई थी. निर्देशक ने अपनी फिल्म की प्राथमिक तौर पर समीक्षा के लिए स्क्रीनिंग का आयोजित किया था. इस स्पेशल स्क्रीनिंग का एक वीडियो फिलहाल काफी वायरल है, जिसमें एक महिला को घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के मुद्दे को 'व्यवसायीकरण' कर दिखाने के चलते निर्देशक के सामने चिल्लाते व विरोध करते देखा जा सकता है.
Ram Ram ji 🙏 Shame on this GREAT Bollywood director #VidhuVinodChopra 😡 Karma and Dharma awaits all 🙏 pic.twitter.com/4vH7rxuqxh#ShikaraMovieReview#PayalRohatgi
— PAYAL ROHATGI & Team- Bhagwan Ram Bhakts (@Payal_Rohatgi) February 7, 2020
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महिला यह भी कहती हैं कि समुदाय ने उस वक्त जिस दर्द को झेला है, उसे सही तरीके से नहीं दिखाया गया है, उस वक्त इस्लाम कट्टपंथी समूहों द्वारा अंजाम दिए गए जन-संहार, सामूहिक दुष्कर्म और हत्याओं का वर्णन फिल्म में सही तरीके से नहीं है. महिला कहती हैं, "ये आपका व्यवसायीकरण आपको मुबारक हो. एक कश्मीरी पंडित होने के नाते मैं आपके फिल्म को स्वीकार नहीं करती हूं." चोपड़ा दर्शकों को यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि "हर सच्चाई के दो पहलू होते हैं." यह फिल्म 7 फरवरी को रिलीज हुई थी.
Source : IANS