प्यार के सहारे विधवा महिला के संघर्ष और जीत की कहानी है 'ढाई आखर', दर्शकों ने फिल्म की जमकर की तारीफ

हैबिटेट फिल्म फेस्टिवल में फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आई, लीक से हटकर बनी हिन्दी फीचर फिल्म 54वें भारतीय अतंर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में हुई थी शामिल

हैबिटेट फिल्म फेस्टिवल में फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आई, लीक से हटकर बनी हिन्दी फीचर फिल्म 54वें भारतीय अतंर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में हुई थी शामिल

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Mohit Saxena
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dhai aakhar ( Photo Credit : social media)

Film Review: सिनेमा को चाहने वालों के लिए दिल्ली में 11 मई, शनिवार की शाम यादगार बन गई. मौका था दिल्ली में चल रहे हैबिटेट फिल्म फेस्टिवल का, जहां लोगों को एक शानदार पारिवारिक फिल्म देखने को मिली. कई फिल्मों की भीड़ में लीक से हटकर बनी हिन्दी फीचर फिल्म 'ढाई आखर' ने लोगों का मन मोह लिया. खचाखच भरे हैबिटेट सेंटर के स्टीन ऑडिटोरियम हॉल में दर्शकों ने जमकर फिल्म का आनंद लिया. घर की चारदीवारी में बंद, परिवार के ही मर्दों द्वारा हर पल होते अत्याचार को नकार कर, प्यार के सहारे एक विधवा महिला के आगे बढ़ जाने की कहानी है, फिल्म 'ढाई आखर'. 

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फिल्म का निर्देशन प्रवीन अरोड़ा ने किया

कबीर कम्युनिकेशंस और आकृति प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्देशन प्रवीन अरोड़ा ने किया है. हिन्दी के वरिष्ठ लेखक अमरीक सिंह दीप के उपन्यास 'तीर्थाटन के बाद' पर आधारित फीचर फिल्म 'ढाई आखर' हर्षिता नाम की एक ऐसी महिला की कहानी है, जो वर्षों तक घरेलू हिंसा और अपमानजनक वैवाहिक जीवन की शिकार रही. वह पत्रों के माध्यम से एक नामी लेखक श्रीधर के करीब आती है, लेकिन विधवा होने की वजह से उनका ये संबंध पितृ सत्तात्मक समाज और परिवार को स्वीकार नहीं होता. इस फिल्म के केंद्र में है हर्षिता के अपनी पहचान को खोजने की कोशिश. 

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प्रेम की ताकत दिखाने की कोशिश

निर्देशक प्रवीन अरोड़ा का कहना है कि फिल्म के माध्यम से वो दर्शना चाहते हैं कि कैसे परिवारों में औरतों के साथ दुर्व्यवहार और हिंसा को सामान्य रूप से स्वीकार कर लिया जाता है. इससे महिलाओं के व्यक्तित्व पर गहरा और बुरा प्रभाव पड़ता है. उनका दृढ़विश्वास है कि प्रेम में किसी को भी मुक्त करने की क्षमता है. 1980 के दशक के परिवेश में फिल्माई गई ये कहानी दर्शकों के लिए अनुभव बने, यही उनकी कोशिश रही है. 

उत्तराखंड की खूबसूरती को बखूबी दर्शाया  

फिल्म को देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में शूट किया गया है. इस फ़िल्म में हिन्दी और मराठी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री मृणाल कुलकर्णी ने हर्षिता के रूप में मुख्य भूमिका निभाई है. इसके अलावा फिल्म और थिएटर के जानेमाने अभिनेता हरीश खन्ना और प्रसिद्ध मराठी अभिनेता रोहित कोकाटे ने अहम किरदार निभाए हैं.

बहुचर्चित नाटक 'जिस लाहौर नई देख्या' पर आधारित आनेवाली हिन्दी फ़ीचर फ़िल्म 'लाहौर 1947' और फ़िल्म 'गांधी गोडसे- एक युद्ध' के प्रसिद्ध लेखक असगर वजाहत ने इस फिल्म की रूपांतरित पटकथा और संवाद लिखे हैं. फिल्म की शानदार टीम में गीतकार इरशाद कामिल, हिंदी और बंगाली संगीत निर्देशक अनपुम रॉय और गायिका कविता सेठ शामिल हैं. 

54वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी नॉमिनेट हुई 

इंडियन पैनोरमा का हिस्सा रही फिल्म 'ढाई आखर' गोवा में सम्पन्न हुए 54वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) 2023 में निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फीचर फिल्म के प्रतियोगिता खंड में नामांकित हुई थी और 25 नवंबर 2023 को इसका विश्व प्रीमियर प्रतिष्ठित आईएफएफआई 2023 में हुआ था. 26 नवंबर 2023 को इसका दूसरा शो आयोजित हुआ.

दोनों शो को दर्शकों, आलोचकों और फिल्म बिरादरी से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली. यह फिल्म 21वें चेन्नई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (सीआईएफएफ) 2023, भारतीय पैनोरमा में भी आधिकारिक तौर पर चयनित रही है. फिल्म 'ढाई आखर' कंबोडिया इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2024 में भी प्रदर्शन के लिए चुनी गई है. 

Source : News Nation Bureau

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