#Lucknowcentral: फरहान अख्तर-डायना पेंटी की दमदार एक्टिंग, मूवी देखने से पहले पढ़ें रिव्यू

फरहान अख्तर की 'लखनऊ सेंट्रल' की टक्कर कंगना रनौत की फिल्म 'सिमरन' से है। अब देखना होगा कि बॉक्स ऑफिस पर कौन विनर होगा।

फरहान अख्तर की 'लखनऊ सेंट्रल' की टक्कर कंगना रनौत की फिल्म 'सिमरन' से है। अब देखना होगा कि बॉक्स ऑफिस पर कौन विनर होगा।

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Sonam Kanojia
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#Lucknowcentral: फरहान अख्तर-डायना पेंटी की दमदार एक्टिंग, मूवी देखने से पहले पढ़ें रिव्यू

'लखनऊ सेंट्रल' में फरहान अख्तर (फाइल फोटो)

बॉलीवुड एक्टर फरहान अख्तर की मूवी 'लखनऊ सेंट्रल' 15 सितंबर को रिलीज हो गई। इस फिल्म में आपको फरहान की दमदार एक्टिंग तो देखने को मिलेगी, लेकिन इंटरवल के बाद मजबूत स्क्रिप्ट की कमी भी महसूस होगी। फिल्म देखने जाने से पहले यहां पढ़ें रिव्यू...

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कैसी है फिल्म की कहानी?

फिल्म की कहानी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की है। यहां रहने वाला किशन गिरहोत्रा (फरहान अख्तर) सिंगर बनना चाहता है। साथ ही खुद का एक बैंड बनाना चाहता है। वह लोक गायक मनोज तिवारी का फैन है। एक दिन वह मनोज का कॉन्सर्ट देखने जाता है, लेकिन वहां आईएएस अधिकारी की मौत हो जाती है। इसका आरोप किशन के सिर पर आता है।

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किशन को मुरादाबाद जेल में बंद कर दिया जाता है और कुछ दिनों बाद उसे लखनऊ सेंट्रल भेज देते हैं। वहां उसकी मुलाकात एनजीओ चलाने वाली गायत्री (डायना पेंटी) से होती है। गायत्री 15 अगस्त को होने वाले कार्यक्रम के लिए अलग-अलग कैदियों द्वारा बनाए गए बैंड को परफॉर्मेंस के लिए प्रोत्साहित करती हैं। वहीं दूसरी तरफ किशन जेल के अंदर ही अपने साथियों के साथ मिलकर 'लखनऊ सेंट्रल' नाम का बैंड बना लेता है।

लेकिन फिर आता है कहानी में ट्विस्ट... जेलर (रोनित रॉय) को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं आती है और वह सभी कैदियों को परेशान करता है। इसके बावजूद 15 अगस्त को कार्यक्रम में कैदी परफॉर्म करते हैं। फिर रिजल्ट आता है, लेकिन इसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

क्यों देखें फिल्म?

फिल्म में सिनेमेटोग्राफी, आर्टवर्क और प्लॉट बहुत अच्छा है। जेल के अंदर फिल्माए गए कई सीन्स आपको भावुक कर देंगे। कैदियों की जिंदगी कैसी होती है, इसे बारीकी दिखाया गया है। वहीं अगर एक्टिंग की बात करें तो फरहान अख्तर ने यूपी के लड़के का किरदार बखूबी निभाया है। उन्होंने अपने किरदार में जान डाल दी है। वहीं डायना पेंटी ने भी अच्छा काम किया है। रोनित रॉय भी नेगेटिव रोल में फिट बैठे हैं।

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ये हैं फिल्म की कमजोर कड़िया

'लखनऊ सेंट्रल' का सेकंड हाफ खिंचा-खिंचा सा लगता है। इसे बेहतर क्लाइमेक्स के साथ और अच्छा बनाया जा सकता था। कहानी का प्लॉट कुछ नया नहीं है। स्क्रीन प्ले कमजोर है। फिल्म के गानों को और बेहतर बनाया जा सकता था।

'सिमरन' से होगी टक्कर

फरहान की फिल्म 2 हजार से ज्यादा स्क्रीन पर रिलीज हुई है। इसका बजट 32 करोड़ है। वहीं 'लखनऊ सेंट्रल' की टक्कर कंगना रनौत की मूवी 'सिमरन' से होगी। अब देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर विनर साबित होगी।

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Source : News Nation Bureau

Farhan Aktar Lucknow Central
      
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