'पानीपत' में 'गलत तथ्य' दिखाने को लेकर राजस्थान में प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी फिल्म में राजस्थानी और हरियाणवी भाषा को लेकर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे ब्रज भाषा (पश्चिमी हिंदी भाषा) का प्रयोग करते हैं.
नई दिल्ली:
राजस्थान में फिल्म 'पानीपत : द ग्रेट ब्रिटेयल' में कथित तौर पर 'इतिहास के गलत तथ्य' दिखाए जाने को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि 'फिल्म में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, जिससे महाराज सूरजमल की छवि धूमिल हुई है. उन्हें इसमें लालची राजा के रूप में दिखाया गया है, जोकि वह बिल्कुल नहीं थे.'
फिल्म में दिखाया गया है कि मराठा योद्धा सदाशिव राव भाऊ (अभिनेता अर्जुन कपूर ने यह किरदार निभाया है) , महाराजा सूरजमल से अफगानों को हराने के लिए मदद मांगते हैं, जिसके बदले में सूरजमल आगरा के किले की मांग करते हैं. मांग पूरी नहीं होने पर वह सदाशिव की मदद करने से इनकार कर देते हैं.
प्रदर्शनकारी फिल्म में राजस्थानी और हरियाणवी भाषा को लेकर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि वे ब्रज भाषा (पश्चिमी हिंदी भाषा) का प्रयोग करते हैं.
नागपुर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने ट्वीट में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से इस मामले में दखल देने की मांग की. उन्होंने कहा, "मैं केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, प्रकाश जावड़ेकर जी, प्रसून जोशी जी से मांग करता हूं कि प्रदर्शनों से बचने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए वे इस मामले में दखल दें. कोई भी फिल्म और कला गलत इतिहास को नहीं दिखा सकती है."
इस बीच राजस्थान के पर्यटन मंत्री और महाराज सूरजमल के वंशज विश्वेंद्र सिंह ने रविवार को राज्य में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.
महाराज सूरजमल के प्रत्यक्ष वंशज राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि महान जाट शासक महाराजा सूरजमल को अनुचित तरीके से चित्रित किया गया है और फिल्म 'पानीपत' में ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत किया गया है."
फिल्म देखने के बाद उन्होंने कहा, "हरियाणा, राजस्थान और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में जाट समुदाय द्वारा हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए मुझे लगता है कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए फिल्म पर प्रतिबंध लगना चाहिए."
मंत्री ने कहा, "महाराजा सूरजमल के प्रत्यक्ष वंशज के रूप में व महाराजा की 14वीं पीढ़ी के वंशज होने के नाते मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि यह ऐतिहासिक तथ्य है कि जब मराठा पानीपत के युद्ध से लौटे तो महाराजा सूरजमल और महारानी किशोरी ने परोपकार करते हुए हार और घावों की पीड़ा सह रही पूरी मराठा सेना को शरण दी थी."
सिंह ने कहा, "मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि एक ऐतिहासिक वंशावली या एक ऐतिहासिक व्यक्ति के बारे में भविष्य में ऐसी कोई भी फिल्म बनाने से पहले और रिलीज के बाद उसी के वंशजों से इसे अनुमोदित किया जाए और यह सुनिश्चित करने के लिए एक समिति बनाई जाए."
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी फिल्म में तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि महाराजा सूरजमल को जिस तरह इसमें चित्रित किया गया है, वह निंदनीय है.
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