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शास्त्रीय गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब का निधन, PM नरेंद्र मोदी ने जताया शोक

भारत सरकार ने उन्हें 1991 में पद्म श्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म विभूषण अवॉर्ड से नवाजा था. उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब के निधन पर लता मंगेशकर ने शोक व्यक्त किया है. 

Updated on: 17 Jan 2021, 10:52 PM

मुंबई :

मशहूर शास्त्रीय गायक और संगीतकार उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान का रविवार को निधन हो गया है. उन्होंने 89 साल की उम्र में मुम्बई के बांद्रा स्थित अपने ही घर में अंतिम सांस ली. भारत सरकार ने उन्हें 1991 में पद्म श्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म विभूषण अवॉर्ड से नवाजा था. उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब के निधन पर लता मंगेशकर ने शोक व्यक्त किया है. दरअसल, 15 साल पहले खान उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो गए थे. गुलाम मुस्तफा खान को लकवा भी मार दिया था तभी से वह बीमार चल रहे थे. वह चल-फिर भी नहीं पाते थे. घर में ही उनका इलाज चल रहा था. 

ट्विटर पर उनकी एक इमेज शेयर करते हुए लता मंगेशकर ने लिखा, मुझे अभी अभी ये दुखद खबर मिली है कि महान शाष्त्रीय संगीत गायक उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहेब इस दुनिया में नहीं रहे. यह सुनके मुझे बहुत दुख हुआ. वो गायक तो अच्छे थे ही, पर इंसान भी बहुत अच्छे थे.

एआर रहमान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'सभी का सबसे प्यारा शिक्षक. गफ़ूर-उर-रहीम आपको अगली दुनिया में एक विशेष स्थान दे. भारत सरकार ने उन्हें 1991 में पद्म श्री, 2006 में पद्म भूषण और 2018 में पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया था.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान भारतीय शास्त्रीय संगीत के लेजेंड थे. मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे 2018 में उन्हें पद्मविभूषण से सम्मानित करने का मौका मिला. उनके जाने से संगीत की दुनिया ने न सिर्फ अपना अगुआ खो दिया बल्कि नई पीढ़ी ने मेन्टॉर भी खोया है. उनके परिजनों, दोस्तों और शिष्यों के प्रति मैं अपनी संवेदना प्रकट करता हूं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान साहब के जाने से सांस्कृतिक दुनिया गरीब हो गई है. वह संगीत के अगुआ थे. उनकी रचनात्मकता ने उन्हें कई पीढ़ियों का प्रिय बनाया था. मुझे भी उनसे बातचीत करने का अवसर प्राप्त हुआ था. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. 

साल 1931 में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में जन्मे और रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखने वाले गायक गुलाम मुस्तफा खान ने मृणाल सेन की चर्चित फिल्म 'भुवन शोम' से अपने गायकी के करियर की शुरुआत की थी. संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था. उन्हें रविवार शाम 7.30 बजे सांताक्रूज कब्रिस्तान में पूरे राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया.