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Chamkila Review: दमदार एक्टिंग-शानदार म्यूजिक, चमकीला बनकर छा गए दिलजीत दोसांझ

Chamkila: चमकीला पंजाब के लोकगीत सिंगर अमर सिंह चमकीला की बायोपिक हैं. 1977 से 88 के दौर में चमकीला ने इंटरनेशनल लेवल पर स्टारडाम हासिल किया था.

Updated on: 12 Apr 2024, 03:20 PM

नई दिल्ली:

Chamkila Review: बॉलीवुड के पॉपुलर सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ अपनी हालिया फिल्म चमकीला को लेकर चर्चा में हैं. ये फिल्म आज 12 अप्रैल को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी हैं. फिल्म में दिलजीत के अलावा एक्ट्रेस परिणीचि चोपड़ा भी अहम रोल में हैं. इम्तियाज अली के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म को क्रिटिक्स ने भरपूर सराहा है. सोशल मीडिया पर इसके कई रिव्यूज सामने आए हैं. फिल्म के डायरेक्शन, कहानी कहने की कला, म्यूजिक और दिलजीत के अभिनय को भी वाहवाही मिल रही हैं. फिल्म का डायलॉग है जिस वजह से चमका वो, उस वजह से टपका वो ये एक ट्रैजिक बायोपिक है जिसमें अमर सिंह चमकीला के स्टारडम और हत्या को दर्शाया गया है. 

इम्तियाज का बेहतरीन डायरेक्शन
अमर सिंह चमकीला पंजाब के सबसे प्रसिद्ध गायकों में से एक थे. 1977 से 88 तक के दशक में अमर सिंह चमकीला ने अपनी गीतों से पंजाब से लेकर कनाडा तक पॉपुलैरिटी हासिल की थी. इम्तियाज अली इस लोकगीत सिंगर की कहानी लेकर चार साल बाद निर्देशन में लौटे हैं. अली गायक ने चमकीला के टैलेंट, स्टारडम पंजाबी कल्चर से लेकर उसकी मर्डर मिस्ट्री को बखूबी दर्शाया है. शुरू से ही चमकीला की कहानी में आपको डुबोते हुए, यह फिल्म आपको एक संगीतकार के रूप में उनके स्टार बनने से नीचे गिरने तक की कहानी बताती है. फिल्म में यह भी दिखाया गया है कि कैसे चमकीला का स्टारडम ही उसकी मौत का कारण बना था. कमाल के डायरेक्शन के साथ यह फिल्म आपके बांधे रखेगी.

पंजाब का कल्चर देख रह जाएंगे दंग
किसी व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को कवर करने के प्रयास में चमकीला जैसी बायोपिक बेहतरन बन पड़ी है. अमर सिंह चमकीला को उस जमाने में 'पंजाब का एल्विस प्रेस्ली'कहा जाता था. ऐसे में इम्तियाज हमें यह दिखाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि वो रियल लाइफ में कैसे थे. फिल्म के साथ इम्तियाज ने पंजाब का कल्चर, देसी शादियां, स्टेज शोज और यहां तक कि 1984 के सिख दंगे भी दिखाए हैं. फिल्म में पुराना जमाना देखकर आप दंग रह जाएंगे.

दिलजीत की एक्टिंग ने जीता दिल
इस फिल्म के लिए इम्तियाज ने दिलजीत दोसांझ को कास्ट किया है. इसकी वजह उनका पंजाबी होना भी है. हालांकि, उन्होंने किरदार के साथ बखूबी न्याय किया है. दिलजीत पंजाब से हैं उन्होंने इस किरदार को अपनी आत्मा से निभाया है. वह चमकीला के संगीत के बारे में जानकर बड़े हुए होंगे. इसलिए, उन्हें इस किरदार को निभाते हुए देखना काफी ठोस लगता है. इतना कि दिलजीत ने बिल्कुल चमकीला जैसा दिखने के लिए अपनी पगड़ी भी उतार दी. दूसरी ओर, अमरजोत के रूप में परिणीति चोपड़ा अच्छी लगी हैं, लेकिन जाहिर तौर पर वह दिलजीत की स्टार पावर पर हावी हो जाती हैं. फिल्म में उन्होंने एक साथ 15 गाने गाए हैं.

ट्रैजिक मोड़ पर खत्म हुई कहानी
फिल्म चमकीला की मात्र 27 साल की उम्र में हत्या कर दी गई थी. उनके साथ उनकी पत्नी और साथी सिंगर अमरजोत कौर को भी गोली मारी गई थी. ये एक ट्रैजिक कहानी है जो आपका दिल झकझोर देगी. फिल्म का अंत काफी इमोशनल और रुला देना वाला है. ये दिलजीत दोसांझ की शानदार परफॉर्मेंस में गिना जाएगा.