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फिल्म की पाइरेसी से परेशान बॉलीवुड के लिए राहत की खबर है. यूनियन कैबिनेट ने सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 में संशोधन मंजूर कर लिया है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. यह संशोधन फिल्मों की पायरेसी और कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर हुआ है. कैबिनेट के नए फैसलों में फिल्म पाइरेसी को अब एक गंभीर अपराध माना जाएगा.
प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के निदेशक सितांशु कर ने ट्विटर पर इसकी पूरी जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट किया कि निर्माता की अनुमति के बिना किसी भी फिल्म को रिकॉर्ड करने पर इसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा. दोषी पाए जाने पर अपराधी को कम से कम 3 साल की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माना देना होगा.
To tackle Film Piracy & Copyright infringement,#Cabinet approves amendment to the Cinematograph Act, 1952; Penal Provisions for unauthorized camcording and duplication of films pic.twitter.com/WAb8mmJs6S
— Sitanshu Kar (@DG_PIB) February 6, 2019
इस कानून के दायरे में वो लोग भी आएंगे, जो सिनेमाघरों में फिल्म की रिकॉर्डिंग करते हैं या ऐसी रिकॉर्डिंग का कारोबार करते हैं.
सरकार के इस कदम का प्रोड्यूसर्स गिल्ड ने स्वागत किया है. उन्होंने स्टेटमेंट जारी कर लिखा, 'भारत सरकार के इस कदम का एसोसिएशन खुले दिल से स्वागत करती है. 19 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिनेमा म्यूजियम के उद्घाटन के दौरान एक वादा किया था, जो पूरा हो गया है.
Film piracy and copyright infringement: Cabinet approves amendment to Cinematograph Act, 1952... Penal provisions for unauthorised camcording and duplication of films... Violators to face 3 years jail term or fine of ₹ 10 lakh or both... Producers Guild of India applauds Govt. pic.twitter.com/4H5EyRQvOQ
— taran adarsh (@taran_adarsh) February 7, 2019
इस संशोधन के बाद बॉलीवुड एक्टर्स भी बेहद खुश हैं. बता दें कि कुछ दिनों पहले कंगना रनौत की फिल्म 'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी' और अनिल कपूर, सोनम कपूर, राजकुमार राव, जूही चावला की मूवी 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' इंटरनेट पर लीक हो गई थी.