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राकेश रोशन को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी राहत, ठगी मामले में 20 लाख रुपये वापस करने का आदेश

Rakesh Roshan : फिल्म मेकर राकेश रोशन के साथ 2011 में बड़ी रकम की धोखाधड़ी हुई थी, अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनसे ठगे गए 20 लाख रुपये वापस करने का आदेश दिया है.

Updated on: 02 Feb 2024, 06:06 PM

नई दिल्ली:

राकेश रोशन बॉलीवुड के सबसे सफल फिल्म निर्माताओं में से एक हैं, अपने लंबे करियर में, उन्होंने विभिन्न शैलियों की कई फिल्में लिखी और निर्देशित की हैं जो ब्लॉकबस्टर रही हैं. हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने साल 2011 में क्रिश हेल्मर से ठगे गए 20 लाख रुपये वापस करने का आदेश दिया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, बॉम्बे हाई कोर्ट ने फिल्म मेकर राकेश रोशन से ठगे गए 20 लाख रुपये वापस करने का आदेश दिया है. यह उन 50 लाख में से है जो 2011 में फिल्म निर्माता से दो लोगों ने ठगा था,

राकेश रोशन से 20 लाख की ठगी 

ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया था. साल 2011 में उन्हें दो लोगों का फोन आया, जिन्होंने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर उनसे 50 लाख रुपये ठग लिए. भुगतान के बाद, रोशन को उनसे कोई संचार नहीं मिला जिससे संदेह पैदा हुआ. इसके बाद उन्होंने मुंबई में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में एक लिखित शिकायत दर्ज की. बाद में, दो लोगों हरियाणा से अश्विनी शर्मा और मुंबई से राजेश रंजन को एसीबी ने पकड़ लिया. जालसाजों ने खुलासा किया कि उन्होंने इसी तरह अन्य फिल्मी सितारों को भी ठगा है.

2014 में ट्रायल कोर्ट ने 30 लाख वापस करने का आदेश दिया

अधिकारियों ने नवी मुंबई, हरियाणा और डलहौजी में उनकी लगभग 2.94 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली. ऑपरेशन के दौरान कुछ सोना भी जब्त किया गया. रोशन ने अपने पैसे वापस पाने के लिए 30 अक्टूबर 2012 को ट्रायल कोर्ट में अर्जी दायर की थी. दो साल बाद 2014 में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें 30 लाख रुपये वापस पाने की इजाजत दे दी और बाकी 20 लाख रुपये रोक दिए थे. जिसे अब कोर्ट ने ठगों को वापस करने का आदेश दिया है.

मामले के बारे में अधिक जानकारी

अदालत के फैसले से असंतुष्ट होने के कारण रोशन ने अपने वकील प्रसन्ना भंगाले के माध्यम से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. उनके वकील ने कहा कि सीबीआई के निष्कर्षों के अनुसार, एक आरोपी ने 20 लाख रुपये लिए जबकि दूसरे ने 50 लाख में से 30 लाख रुपये लिए. 20 लाख लेने वाले ने पहले ही ट्रायल कोर्ट में रोशन को पैसे देने पर अनापत्ति दे दी थी. इसके बावजूद कोर्ट ने डायरेक्टर को सिर्फ 30 लाख का ऑफर दिया. उनके वकील ने दलील दी कि बाकी रकम रोकने का कोई औचित्य नहीं है. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पूरी रकम फिल्म निर्माता को दी जानी चाहिए और उस रकम को रोकने का कोई कारण नहीं है.