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भारतीय शिक्षा व्यवस्था पर बेस्ड है ये फिल्में, जो दिखाती हैं बच्चों पर पड़ने वाले प्रेशर को..

बच्चों पर ज्यादा से ज्यादा नंबर लाने का प्रेशर है ताकि उसके आधार पर उन्हें अच्छी नौकरी मिले.

Updated on: 27 Apr 2019, 01:36 PM

नई दिल्ली:

UP Board क्लास 10th और 12th का रिजल्ट आज यानी 27 April 2019 को घोषित होने वाला है. स्टूडेंट्स भी इस खास दिन का इंतजार है क्योंकि उनके फ्यूचर का फैसला आज होगा. तो वहीं बच्चों के पैरेट्स पर भी प्रेशर साफ देखा जा सकता है. बच्चों के रिजल्ट व एग्जाम पर भी बॉलीवुड में कई फिल्में बन चुकी है. जो स्टूडेंट्स के फ्यूचर और शिक्षा प्रणाली पर बेस्ड है.

3 Idiots- आमिर खान की फिल्म 3 idiots भारतीय शिक्षा प्रणाली पर बेस्ड है. शिक्षा प्रणाली, पैरेंट्‌स का बच्चों पर कुछ बनने का दबाव और किताबी ज्ञान की उपयोगिता को  मनोरंजक तरीके से सवाल उठाती है. बच्चों पर ज्यादा से ज्यादा नंबर लाने का प्रेशर ताकि उसके आधार पर नौकरी उन्हें मिले. माता-पिता भी अपने बच्चों पर इसलिए दबाव डालते हैं क्योंकि समाज में योग्यता मापने का डिग्री/ग्रेड्स पैमाना है.

तारे जमीन पर- 2007 में रिलीज हुई फिल्म का निर्देशन आमिर खान ने किया. फिल्म दर्शील सफारी, आमिर खान , मुख्य भूमिका में नजर आए. फिल्म की कहानी एक छोटे बच्चे दर्शील सफारी की है. जिसे वह करने के लिए मजबूर किया जाता है जिसे वह समझ नहीं सकता. क्लास में कम अंक और फेल हो जाने के कारण उसके पैरेट्स उसे एक बोर्डिंग स्कूल में भेज देते हैं. दर्शील की हालत को देखने के बाद ड्राइंग टीचर (अमीर खान) को उसे उन्हें अलग-अलग तरीके से सिखाता है और अंत में उन्हें सफलता मिलती है.

निल बटे सन्नाटा- फिल्म की कहानी चंदा सहाय यानी स्वारा भास्कर की है जो चाहती है कि उसकी बेटी पढ़-लिख कर कुछ बन जाए, लेकिन उसकी बेटी का मन पढ़ाई में नहीं लगता. उसे गणित से डर लगता है. चंदा उसे डांटती है तो वह कहती है कि- जब डॉक्टर की संतान डॉक्टर बनती है तो बाई की बेटी भी बाई बनेगी. अपनी बेटी की इस बात को सुनकर चंदा काफी दुखी होती है लेकिन वह हिम्मत नहीं हारती. वह अपनी बेटी के क्लास में एडमिशन लेती है और गणित सीखती है ताकि वह अपनी बेटी को सीखा सके, लेकिन चंदा के इस कदम से उसकी बेटी नाराज हो जाती है लेकिन अंत में उसे अपनी गलती का अहसास होता है और वह पढ़ाई में मन लगाती है.